लोकतंत्र की जीत : भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए देश को मिला लोकपाल

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udaypur. लोकपाल बिल को लोकसभा में भी पास कर दिया गया है। वैसे, लोकसभा इसे पहले ही पास कर चुकी थी, लेकिन नए संशोधनों की वजह से बिल पर अब लोकसभा की दोबारा मंजूरी ली गई। दिलचस्प है कि लोकसभा ने बिल को पास करने के लिए सिर्फ 30 मिनट का समय लिया। इससे पहले मंगलवार को इसे राज्यसभा में पास कर दिया गया था।

उधर, लोकसभा में लोकपाल बिल पास होते ही अन्ना ने अनशन तोड़ दिया। बुधवार को अनशन का नौंवा दिन था। अन्ना ने स्कूली बçच्चयों के हाथों ज्यूस पीकर अपना अनशन तोड़ा।

लोकसभा में बहस के दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि “हम मजबूत लोकपाल बिल का समर्थन करते हैं। यह ऎतिहासिक फैसला है।”

वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि हमारे पास इतिहास रचने का मौका है। मैं सभी पार्टियों से अपील करता हूं कि वह साथ में इस बिल को पास कराएं। उन्होंने कहा कि 45 साल से इस दिन का इंतजार था।

वहीं, मुलायम सिंह यादव ने अपने पुराने रूख पर कायम रहते हुए कहा कि यह बिल देश को डुबो देगा। लोकपाल बिल के कारण देश में काम नहीं हो पाएगा। कोई क्लर्क डर की वजह से फाइल पर साइन नहीं करेगा। यह बिल खतरनाक है। इसे वापस लेना चाहिए। सपा ने इस बिल के विरोध में वॉक आउट किया।

वहीं, जेडीयू सांसद ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं, लेकिन पीएम को इसके दायरे में रखना गलत है।

संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद लोकपाल कानून बन जाएगा। बिल के पास होते ही अन्ना के गांव रालेगण सिद्धि में जश्न का माहौल बन गया है।

अन्ना की प्रतिक्रिया: आचार संहिता लागू होने से पहले कानून बने

लोकपाल बिल पास होने के बाद पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए अन्ना ने कहा कि ये बिल जनता की उम्मीदों के मुताबिक है। जिसे राज्य सभा के बाद लोकसभा ने भी पास कर दिया।

अन्ना ने कहा, “समाजवादी पार्टी को छोड़कर बाकी सभी पार्टी के सांसदों को हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं। आजादी के इतने सालों के बाद पहली बार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त पहल हुई है। सौ प्रतिशत भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा, लेकिन 50-60 प्रतिशत भ्रष्टाचार खत्म होगा, इसकी उम्मीद है।

जनता चाहती थी कि ये बिल पास हो। कांग्रेस और बीजेपी ने नेतृत्व करते हुए समाज और देश की भलाई के लिए लोकपाल बिल को पास कराने में अहम भूमिका निभाई।

अन्ना ने मांग करते हुए कहा कि आचार संहिता लगने से पहले कानून बना दिया जाए। ताकि देश की जनता को पता चले कि बिल के अंदर क्या क्या प्रावधान है। रालेगण सिद्धि के लोगों को धन्यवाद देते हुए अन्ना ने देश के सभी आंदोलनकारियों का भी धन्यवाद किया। लेकिन

अन्ना ने पूरे संबोधन के दौरान अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं लिया। आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ टीवी केसामने बोलने से देश नहीं बदलेगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कानून बनने के बाद इसका बेहतर उपयोग हो। अगर ऎसा नहीं हो पाता तो कानून का कोई लाभ नहीं मिलेगा।

वहीं, आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास ने लोकपाल बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकपाल आंदोलन के लिए यह दुखद दिन है। यह लोकपाल बिल प्रभावी नहीं है, और मजबूत लोकपाल बिल के लिए लड़ाई जारी रहेगी।

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