आगामी लोकसभा चुनाव नौ चरणों में संपन्न कराया जाएगा। बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखों का एलान किया। इसके साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त संपत कुमार ने बताया कि इम्तिहान और मौसम को ध्यान में रख कर चुनाव की तारीखें तय की गई हैं। लोकसभा चुनावों के साथ ही आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और सिक्किम विधानसभा के चुनाव भी होंगे।
कहां, कब होंगे चुनाव?
7 अप्रैल- 2 राज्यों के 6 संसदीय क्षेत्रों में
9 अप्रैल- 6 राज्यों के 6 संसदीय क्षेत्रों में
10 अप्रैल- 14 राज्यों के 92 क्षेत्रों में
12 अप्रैल- तीन राज्यों के पांच क्षेत्रों में
17 अप्रैल- 13 राज्यों के 122 क्षेत्रों में
24 अप्रैल- 12 राज्यों के 117 क्षेत्रों में
30 अप्रैल- 9 राज्यों के 89 क्षेत्रों में
7 मई- 7 राज्यों के 64 क्षेत्रों में
12 मई – 2 राज्यों के 41 संसदीय क्षेत्रों में
मतगणना
16 मई – सभी सीटों के लिए मतगणना।
मौजूदा 15वीं लोकसभा का कार्यकाल एक जून को खत्म होगा। लिहाजा 31 मई तक नई लोकसभा का गठन करना जरूरी है।
राज्यवार चुनाव की तारीखें ये हैं
यूपी-बिहार में एक ही तारीखों को: अप्रैल में 10, 17, 24 और 30 व मई में 7 व 12 तारीख को
राजस्थान: 17 व 24 अप्रैल
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड: 10, 17 व 24 अप्रैल
गुजरात: 30 अप्रैल
दिल्ली-हरियाणा: 10 अप्रैल
चंडीगढ़: 10 अप्रैल
तमिलनाडु: 24 अप्रैल
त्रिपुरा: 7 व 12 अप्रैल
नगालैंड: 9 अप्रैल
दादरा व नागर हवेली: 30 अप्रैल
कुछ हाईप्रोफाइल सीटों पर चुनाव की तारीख
रायबरेली: 30 अप्रैल
अमेठी: 7 मई
पटना: 17 अप्रैल
मुंबई: 24 अप्रैल
भोपाल, जयपुर: 17 अप्रैल
कोलकाता: 12 मई
लखनऊ, कानपुर: 30 अप्रैल
इलाहाबाद: 7 मई
वाराणसी: 12 मई
अहमदाबाद, गांधीनगर: 30 अप्रैल
गाजियाबाद, नोएडा:
गोरखपुर: 12 मई
मैनपुरी: 24 अप्रैल
बड़े मुद्दे
पेड न्यूज: मुख्य चुनाव आयुक्त वी.एस. संपत ने कहा कि कानून में ‘पेड न्यूज’ को अपराध मानने को लेकर कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। हमने सरकार से अनुरोध किया है कि ‘पेड न्यूज’ को जुर्म घोषित किया जाए।
ओपीनियन पोल: मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमारे पास उपलब्ध ताकत का इस्तेमाल करने में हमें कोई हिचक नहीं होती। पर जो अधिकार हमारे पास हैं ही नहीं, उनका इस्तेमाल हम कैसे कर सकते हैं। ओपीनियन पोल का मसला वैधानिक (लेजिस्लेटिव) अधिकार के तहत आता है।
सुरक्षा: चुनाव आयुक्त एच.एस ब्रह्मा ने कहा कि नक्सल प्रभावित सभी क्षेत्रों में एक ही दिन चुनाव कराने का फैसला लिया गया है।
पार्टियों की प्रतिक्रिया
भ्ााजपा: कांग्रेस इज्जत बचाने के लिए चुनाव मैदान में है। नई पार्टियां हैसियत बनाने के लिए चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस को समझ लेना चाहिए कि उसके लिए सत्ता छोड़ने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
आप: हम प्रचार शुरू कर ही चुके हैं। आज गुजरात में हमने यात्रा शुरू की है। समय कम है, अब हम उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया तेज करेंगे।
सबसे बड़ा चुनाव
9,30,000 मतदान केंद्र, पिछली बार से 12 फीसदी ज्यादा
कुल मतदाता 81.4 करोड़, पिछले चुनाव की तुलना में दस करोड़ ज्यादा
कई के नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं। उनके लिए एक और मौका। 9 मार्च (रविवार) को सभी मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए लोग बूथ लेवल के अफसर के पास फॉर्म जमा करा सकते हैं
क्या-क्या होगा पहली बार
– 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार करीब 81 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
– पहली बार चुनाव कार्यक्रम नौ चरणों में संपन्न होगा। पिछली बार लोकसभा चुनाव पांच चरण में हुए थे।
– पहली बार 9,30,000 मतदान केंद्र बनेंगे
– लोकसभा चुनाव में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के साथ इलेक्ट्रॉनिक ट्रेल का भी कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में इस्तेमाल होगा। यानी वोटिंग के बाद एक पर्ची निकलेगी जो बताएगी कि वोट डल पाया है या नहीं।
– यह पहला मौका होगा जब आम चुनाव में नोटा (नन ऑफ द अबव) के विकल्प का मतदाता इस्तेमाल कर पाएंगे। दिसंबर में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में इसे पहली बार लागू किया गया था।
हर लोकसभा सीट पर 90 हजार मतदाता करेंगे पहली बार मतदान
हर लोकसभा सीट पर 18 से 22 साल के लगभग 90 हजार मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। 2014 के चुनाव में औसतन हर सीट पर करीब 1.79 लाख नए मतदाता वोट डालेंगे। वहीं, इनमें से 43000 पहली बार वोट डालेंगे।
चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 81.5 करोड़ मतदाताओं में 2.31 करोड़ मतदाताओं की उम्र 18 से 19 साल के बीच है, जो देश के कुल मतदाताओं का 2.8 फीसदी है।
दादर एवं नगर हवेली में सबसे ज्यादा युवा मतदाता
28 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में दादर एवं नगर हवेली में सबसे ज्यादा युवा मतदाता (9.88 फीसदी) हैं, इसके बाद सबसे अधिक युवा मतदाता झारखंड (9.03 फीसदी) में हैं। अंडमान निकोबार द्वीप समूह में ऐसे मतदाताओं (1.1 फीसदी) की संख्या सबसे कम है। संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश में 18-19 साल के बीच के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक 38.1 लाख है और इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर आता है, जहां यह संख्या लगभग 20.8 लाख है।
छह राज्यों, राजस्थान (25 सीट), छत्तीसगढ़ (11), मध्यप्रदेश (29), पश्चिम बंगाल (42), उत्तर प्रदेश (80) और असम (14) की 201 लोकसभा सीटों पर 18 से 19 वर्ष की आयु वाले वोटरों की संख्या राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।
पुडुचेरी में सबसे अधिक महिला मतदाता
देश के कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाता 52.4 प्रतिशत और महिला मतदाताओं की संख्या 47.6 प्रतिशत है। 28 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में से 21 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में महिला मतदाताओं का अनुपात 47.6 प्रतिशत के राष्ट्रीय अनुपात से अधिक है। आठ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है।
पुडुचेरी में महिला मतदाताओं का अनुपात 52.01 प्रतिशत है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके बाद केरल में महिला मतदाताओं का अनुपात 51.90 प्रतिशत है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली में महिला मतदाताओं का अनुपात सबसे कम 44.57 प्रतिशत है। इसके बाद उत्तर प्रदेश है, जहां महिला मतदाताओं का अनुपात 45.20 प्रतिशत है।