दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फिक्सिंग को लेकर आज जो खुलासे किये हैं वो निश्चित तौर पर चौकाने वाले है। दिल्ली पुलिस ने तेज गेंदबाज श्रीसंत समेत राजस्थान रॉयल्स के बाकी दोनों खिलाडियों के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि स्पॉट फिक्सिंग का ये रैकेट इशारों के जरिये चल रहा था। दिल्ली पुलिस ने ये भी माना है कि इस फिक्सिंग के तार अंडरवर्ल्ड से जुड़े हैं। स्पॉट फिक्सिंग के परत दर परत खुलासे करते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया कि मैच फिक्सिंग के लिये बुकीज ने कोर्ड बनाये थे। पुलिस ने बताया कि लॉकेट घुमाना, घड़ी दिखाना, फिल्डिंग बदलना, टीशर्ट उठाना और तौलिया लगाना ये सब उस कोड का हिस्सा था जिसके जरिये फिक्सिंग किया जा रहा था। इस खुलासे में साफ कहा गया है कि एक मैच के जिस ओवर में स्पॉट फिक्सिंग हुई उसमें 13 रन दिए गए।
पुलिस के मुताबिक स्पॉट फिक्सिंग की शुरुआत 5 मई को जयपुर में राजस्थान रॉयल्स और पुणे वॉरियर्स के बीच खेले गए मैच से हुई थी। इस दौरान अजित चंडीला को अपने सेकेंड स्पेल में 14 रन देने थे। लेकिन चंडीला सिग्नल देना भूल गए और बुकी सट्टा नहीं लगा पाए। दूसरी बार 9 मई को माहोली में राजस्थान और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेले गए मैच में स्पॉट फिक्सिंग की गई। श्रीसंत को अपने ट्राउजर में तौलिया रखकर इशारा करना था। श्रीसंत ने मैदान में वॉर्मअप के बहाने बुकी को सट्टा लगाने का समय दिया। इसके बाद उन्होंने उस ओवर में 13 रन दिए। पुलिस के मुताबिक तीसरी बार मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच बुधवार यानी कि 15 मई को खेले गए मैच में भी स्पॉट फिक्सिंग की गई। इस मैच में अजित चंडीला नहीं थे, लेकिन उन्होंने अंकित चव्हाण और सट्टेबाजों के बीच बिचौलिए का काम किया। चव्हाण को भी अपने दूसरे स्पेल में 14 या इससे ज्यादा रन देने थे। नीरज कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले में और भी गिरफ्तारियां की जायेंगी मगर वो सट्टेबाज होंगे ना कि कोई खिलाड़ी क्योंकि इन तीनों खिलाडि़यों के अलावा कोई भी खिलाड़ी सट्टेबाजी में शामिल नहीं है। पुलिस ने बताया कि इन तीन मैचों के अलावा किसी और मैच में सट्टेुबाजी भी नहीं हुई है।