उदयपुर। उदयपुर ब्लॉग द्वारा रविवार को रंगारंग लेंटर्न फेस्टिवल आयोजित किया गया जिसमे हज़ारों युवाओं ने भाग किया। शोर्य गढ़ में आयोजित लेन्टर्न फेस्टिवल में पापोन के सूफियाना क्लासिकल गीतों पर खूब झूमे युवा। स्वराग बेंड और डीजे काविश ने भी फेस्टिवल की रंगीनियों में चार चाँद लगा दिए।
उदयपुर ब्लॉग पिछले पांच सालों से लेन्टर्न फेस्टिवल के जरिये दीपावली के पहले दीवाली की खुशियाँ बिखेरने का कार्य बखूबी कर रहा है। इस बार हज़ारों युवाओं को पापोन के संगीत पर झुमाने का जिम्मा उठाया था जिसको सफलता पूर्वक पूरा किया। शोर्य गढ़ में रविवार को लेन्टर्न फेस्टिवल की शाम ख़ास रंगीनियाँ लेकर आई। शाम चार बजे से ही शहर के युवाओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया। फेस्टिवल में कई तरह के गेम्स और सेल्फी के लिए विशेष आयोजन किये गए और छोटे मोटे गिफ्ट दे कर माहोल को पूरी तरह मस्ती भरा बनाए रखा। कही मंगनियार के स्वरों की आवाज़ तो कही लोक कलाकारों के साथ झूमते युवाओं ने फेस्टिवल का पूरा आनंद उठाया। सेल्फी के लिए कई तरह की सुविधाएँ की हुई थी जहाँ लड़कियों ने विभिन्न तरह के पाऊट बना कर सेल्फी का मजा लिया।
शाम ७ बजे स्टेज पर जयपुर के स्वराग बेंड ने जैसे ही राजस्थान का पारंपरिक गीत केसरिया बालम गीत से शाम की शुरुआत की तो माहोल में एक अलग ही रंग बिखर गया। स्वराग बेंड के क्लासिकल लोक गीतों पर जम कर युवा झूमे। “मेरे रश्के कमर तूने पहली नज़र जब नज़र से मिलाई मज़ा अगया” गाने पर युवाओं ने दिल खोल कर बेंड का साथ दिया।
फेस्टिवल के भव्य स्टेज पर रात ठीक आठ बजे पापोन ” खुद से दिल डर गया है” गीत के साथ आगमन किया तो युवाओं और फेस्टिवल में आये लोगों ने दिल खोल कर स्वागत किया। उसके बाद आसाम का लोक गीत ” बजरंगी भाई जान का “तू जो मिला” और सुलतान का सूफियाना गीत “बुल्लेया” पर युवाओं का जोश चरम पर पहुच गया। एक एक कर पापोन ने करीब 15 गीत लगातार गाये। अपनी जगह पर खड़े युवा मोबाइल से कभी सेल्फी लेते तो कभी रिकोर्डिंग करते हुए झूमते रहे। शोर्य गढ़ का गार्डन हज़ारों युवाओं के एक साथ झुमने और मस्ती का गवाह बना।
उदयपुर ब्लॉग के डायरेक्टर संजीत चौहान और उनकी टीम ने फेस्टिवल को बेहतरीन तरीके से संयोजित किया। एक ही जगह हज़ारों युवाओं का मनोरंजन और कार्यक्रम को पूरी सफलता के साथ पूरा करने में पुलिस प्रशासन भी उनका सहयोगी बना रहा। फेस्टिवल में तैनात पुलिस कर्मी, सिक्युरिटी और संजीत चौहान एवं उनकी टीम के कसे हुए मेनेजमेंट के चलते कार्यक्रम बिना किसी व्यवधान के यादगार बन गया।