उदयपुर,उदयपुर में चार दिवसीय लेक फेस्टिवल की धूम गुरुवार से आरंभ हो गई। इसका आयोजन राजस्थान पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन, नगर निगम एवं नगर विकास प्रन्यास की ओर से हो रहा है।
इसके अन्तर्गत विभिन्न रोमांचकारी एवं आकर्षक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू हुई जिसे देखने देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों का जमघट लगा रहा। अपनी तरह का यह पहला झील महोत्सव रविवार तक चलेगा।
फतहसागर की पाल पर आयोजित शुभारंभ समारोह में अतिथियों ने लेक फेस्टिवल को उदयपुर के समग्र पर्यटन विकास की दिशा में महत्वपूर्ण बताया और इसमे अधिकाधिक भागीदारी का आह्वान किया।
समारोह में उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, नगर निगम के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, प्रमुख शासन सचिव(पर्यटन) शैलेन्द्र अग्रवाल, संभागीय आयुक्त भवानीसिंह देथा, जिला कलक्टर रोहित गुप्ता, जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्रप्रसाद गोयल, पूर्व महापौर श्रीमती रजनी डांगी, नगर निगम के आयुक्त सिद्धार्थ सियाग, प्रेमसिंह शक्तावत, राजेन्द्र बोर्दिया, गिर्वा की उपखण्ड अधिकारी नम्रता वृष्णि, चन्द्रगुप्त सिंह चौहान सहित आयोजक एवं सहयोगी संस्थाओं के पदाधिकारी, पार्षदगण, जिलाधिकारी, देश के विभिन्न हिस्सों से आए खिलाड़ी संभागी, गणमान्य नागरिक एवं स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
विभिन्न राज्यों से 350 प्रतिभागी
अतिथियों ने देश के विभिन्न राज्यों से आयी टीमों के प्रतिभागियों का परिचय पाया तथा समूहों द्वारा किए गए मार्चपास्ट को देखा। झीलों में होने वाली स्पर्धाओं और रोमांचक खेलों में दिल्ली, गुजरात, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, इण्डियन नेवी एवं आईटीबीपी के 350 पुरुष एवं महिला प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल ने सफेद झण्डी दिखाकर ड्रेगन नौका दौड़ का शुभारंभ किया।
अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों का सम्मान
पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के सात खिलाड़ियों को उपरणा एवं पगड़ी पहना कर अभिनंदन किया। इनमें विजेन्द्रसिंह, रविन्द्र व अरुण नांगल (हरियाणा),महेश विश्वकर्मा एवं मनमोहन डांगी(मध्यप्रदेश), अरुणसिंह(मणिपुर) तथा दिलीपसिंह चौहान(उदयपुर) शामिल हैं।
पर्यटन विकास सर्वोच्च प्राथमिकता पर
महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने झीलों को उदयपुर की आत्मा एवं जान बताया और कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए चयनित उदयपुर के 44 फीसदी लोगाें की पहली प्राथमिकता पर्यटन विकास है और इसी के आधार पर उदयपुर में पर्यटन विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
सिटी को स्मार्ट बनाएं, खुद भी स्मार्ट बनें
महापौर ने पर्यटन विकास की दृष्टि से हो रहे कार्यों का जिक्र किया और विभूति पार्क, बर्ड पार्क, रेल्वे की द्वितीय एन्ट्री आदि की जानकारी दी और बताया कि क्षेत्र की पहाड़ियों को हरा-भरा बनाने और वनीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर साल वन विभाग को दस करोड़ की धनराशि दी जाएगी। उन्होंने स्मार्ट सिटी बनाने में हरसंभव भागीदारी निभाने और हर नागरिक से स्मार्ट बनने की अपील की।
उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने झील के जलमार्ग का लाभ आम जनता के लिए सुलभ कराने के लिए इसकी कम दरें रखी जाने का सुझाव दिया।
पर्यटन ने पाए नए आयाम
पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल ने राजस्थान में मेलों-पर्वों और त्योहारों को पर्यटन से जोड़ने से आए व्यापक बदलाव की चर्चा की और कहा कि इससे देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है और पर्यटन विकास को संबल मिला है।
उन्होंने झीलों को आपस में जोड़कर नौकायन के जरिये आवागमन के लिए जलमार्ग को हमेशा के लिए शुरू रखने पर जोर दिया और बताया कि उदयपुर की झील में फ्लोटिया शुरू की जाएगी।
आरंभ में चन्द्रगुप्तसिंह चौहान ने उदयपुर की झीलों को ड्रेगन नौका दौड़, केनो पोलो एवं कायाकिंग, केनाइंग आदि की दृष्टि से सर्वाधिक उपयुक्त बताया।
इन्होंने किया स्वागत
आरंभ में अतिथियों का स्वागत चन्द्रगुप्तसिंह चौहान, संजय बेनीवाल, प्रदीप पालीवाल, पूर्व विधायक दिनकर पाटील, नजमा मेवाफरोश, आर.के. धाबाई, महेश पालीवाल, एम.एस. तोमर, जसवन्त टांक आदि ने पुष्पहार, उपरना एवं पगड़ी पहना कर किया। अन्त में आभार प्रदर्शन जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने किया। समारोह का संचालन राजेन्द्र सेन ने किया।
रोमांचक जल खेलों ने किया मोहित
समारोह के बाद फतहसागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियां हुई। इनमें ड्रेगन बोट रेस, केनो पोलो की नेशनल चैम्पियनशिप शुरू हुई तथा कायाकिंग, केनाइंग व रोविंग गतिविधियां हुई। इन रोचक और मनोहारी कार्यक्रमों को देखने के लिए झील के किनारे व पाल पर देशी-विदेशी पर्यटकों एवं स्थानीयों का जमघट लगा रहा।
श्रीजी की पूजा और नौका विहार से श्रीगणेश
इससे पूर्व प्रभु श्रीनाथजी की दूधतलाई घाट पर पूजा-अर्चना हुई और वहां से श्रीनाथजी की छवि को सुसज्जित नौका में विराजित कर नौका विहार कराया गया। श्रीजी की नौका गणगौर घाट पहुंचने पर जिलाधिकारियों, जन प्रतिनिधियों एवं शहरवासियों ने पूजा-अर्चना की और आरती उतारी। लेक फेस्टिवल के लिए सजी-धजी नौकाएं आकर्षण का केन्द्र रहीं। लेक फेस्टिवल पर काईट फ्लाइंग ने भी खूब लुभाया।