लेह/उदयपुर । उदयपुर के जाने माने लैण्डस्केप फोटोग्राफर फुरकान खान की कलात्मक फोटोग्राफी से युक्त कॉफी टेबल बुक ‘‘ लद्दाख- दी प्रिस्टाइन ब्यूटी’’ का विमोचन लेह में आयोजित भव्य लददाख समारोह में मुख्य अतिथि जम्मू कश्मीर के पर्यटन मंत्री श्री गुलाम अहमद मीर द्वारा किया गया। लददाख समारोह साल में एक बार सितंबर माह में लेह में आयोजित किया जाता है जिसमें देशी और विशेषकर विदेशी पर्यटक भारी संख्या में उपस्थित रहते हैं। यह समारोह वर्ष 1982 से निरंतर आयोजित किया जा रहा है तथा इसमें लददाख क्षेत्र की समस्त जनजातियों के प्रतिनिधि समूह अपनी विशेष पोशाक में उपस्थित रहते हैं तथा लोक नृत्य प्रस्तूत करते है।
लद्दाख समारोह हर साल सितम्बर माह में मनाया जाता है जिसमें लद्दाख क्षेत्र की सभी जनजातियाँ अपने पारंपरिक परिधान में मौजूद रहती है। फुरकान खान की यह फोटो पुस्तक है लद्दाख के भू-भाग व वहां के निविासियों के बारे में सचित्र जानकारी उपलब्ध करवाने के साथ-साथ आवश्यक पठनीय सामग्री भी उपलब्ध करवाती है। हार्ड माउन्ट कवर व 182 पृष्ठों वाली इस पुस्तक में लद्दाख के अप्रतिम सौन्दर्य के विभिन्न आयामों को रचनात्मकता के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक में लद्दाख के उन पहलुओं को छायाकार की कल्पना व दृश्यों की वास्तविकता के संयोजन के साथ प्रस्तुत किया है जो उस भू-भाग व वहां के निवासियों की विशेषता है। लोकार्पण अवसर पर छाया चित्रों पर विचार व्यक्त करते हुए छायाकार फुरकान खान ने कहा कि हजारों छाया चित्रों में से ऐसे चित्रों का चयन करना जो कि उस भू-भाग की विशेषताएं दर्शाते हों मेरे लिये सरल कार्य नहीं था। अपने विचारों के साथ गहन मंथन तथा स्वयं से ही तर्क-वितर्क करने के पश्चात् अन्ततः लद्दाख के अनूठेपन से संबंधित केवल ऐसे फोटोग्राफ्स का चयन किया गया जो लद्दाख के भू-भाग के लिये विशिष्ट हैं या कम से कम अन्य प्रदेश के निवासियों को जिनकी कम जानकारी है।
पुस्तक में समाहित फोटोग्राफ्स व उनके कन्टेन्ट्स पर प्रकाश डालते हुए फुरकान खान ने बताया कि वहां की उबड़-खाबड़ परंतु मनोहारी पर्वत श्रृंखलाएं, हिमाच्छादित रास्ते एवं शहर, निरन्तर स्वरूप बदलती प्राकृतिक रोशनी, नीला आकाश,, बादलों से घिरी पर्वत की चोटियाँ, बौद्ध मठ , विभिन्न रंगों वाली खारे पानी की झीलें, मास्क डांस, चंगपा-घूमन्तु जाति की जीवन शैली ऐसी विशेषताएं है जिन्हें इस पुस्तक को बहुआयामी बनाने का प्रयास किया गया है।
यह पुस्तक एक सचित्र यात्रा के रूप में है जो आपको बर्फीली चोटियों, जमी हुई झीलें व नदियों, पिघलते ग्लैशियर तथा यहां के वासियों के जीवन के अनेक रंगों से आपका परिचय करवायेगी। यह आपको वहां के बौद्ध मठों के भीतर ले जायेगी, ‘‘चोमो’’ (महिला भिक्षुक), ‘‘लामो’’ (महिला ओझा), ‘‘छाम’’ (मुखौटा नृत्य) तथा ‘‘घोचक’’ (विशेष पूजा पद्धत्ति) से परिचित होने का अवसर प्रदान करेगी। इसके अलावा यह आपको चंगप्पा जाति के दूरस्थ व एकांत पर्वत क्षेत्र में बनाये गये टेन्ट के दर्शन भी करवायेगी। यात्रा के अंतिम पड़ाव में यह आपको अनूठे शीत मरूस्थल के दृश्यों से आनन्दित करेगी।
लोकार्पण के अवसर पर जम्मू के नगरीय विकास मंत्री श्री नवांग रिगजीन, नगरीय विकास परिषद के काउन्सलर श्री रिगजीन स्पेलबर तथा फुरकान खान के गुरू मुंबई के प्रसिद्ध फोटोग्राफर श्री शिरीष आर. कराले उपस्थित थे। लेह के उपायुक्त श्री सिमरन दीप सिंह ने इस पुस्तक को अनोखी बताते हुए इसमें सम्मिलित छाया चित्रों की भुरी-भुरी प्रशंसा की। पुस्तक में जम्मू व कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुला ने प्राक्कथन में अपने विचार व्यक्त किये हैं।