माधुरी कलाल की फेसबुक वाल पोस्ट :
मन की दिशा से लड़ती मैं फिरती विश्वस्त खड़ी हूं मैं …..ये दर्द नहीं ,धौंस हैं मेरी ..कोई मेरी बात करता हैं तो चौंक जाती हूं आजकल..समझ नहीं आ रहा की आखिर किस बात पर लड़ रहे है सब…किस बात पर?…जब मेरी धरा पर , ही रोज तार तार किया जाता हैं मुझे तब क्यों नहीं आते तुम लड़ने ?..जब मेरे साहस की दुहाई देने वाले मुझे मां कहते है …और उसी मां पर गाली देते है तब क्यों नहीं आते तुम ?..जब खुली हवा में सांस लेने से पहले जमाने की आंखे तिरछी होती है मुझ पर , तब क्यों नहीं आते तुम? …बतलाए कोई …कहां चले जाते हो तुम जब आज भी कभी जेवर , कपड़े और रीत-रिवाज में जकड़ी जाती हूं मैं……कभी चरित्र ,कभी लाज ,कभी रिश्ते जैसे बड़े बोझ लादे जाते है मुझ पर ..तब क्यों नहीं आते …?
..सड़क ,संसद और सुप्रीम कोर्ट तक हर जगह तो उछाला हैं तुमने मुझे…कौन हो तुम, लोगों के सामने मेरा नाम लेने वाले? …कौन हो, चीख चीख कर मेरे चरित्र पर बात करने वाले?….कौन हो मेरे नाम के आगे अपना नाम जोड़ने वाले.?.मेरे साहस के सामने..तुम्हारी कोई औकात नहीं !… जाओ कहो ,जो कहना है..जाओ दिखाओ , जो दिखाना हो..लेकिन सोच लो …तुम्हारी हर बात में ..हर चाल में राजनीति की दुर्गंध आती हैं मुझे …तुम्हारी शोहरत पाने की भूख नजर आती हैं मुझे ….इसलिए कोई जरूरत नहीं हैं तुम्हारी ….कहीं आग लगाते हो..कभी मेरे नाम पर आत्महत्या करते हो..कभी लोगों को सताते हो…कौन हो तुम? ..क्या यहीं है तुम्हारा अदम्य साहस..
इसलिए कोई जरूरत नहीं है मुझे तुम्हारी ….मुफीद ये होगा की मेरी धरा की हर नारी को निर्भय रहने दो ….उसे निर्भया मत होने दो!.. बाकी जाओ , कोई जरूरत नहीं है तुम्हारी …क्योंकि मैं मां हूं तुम्हारी…मैंने ही पैदा किया है तुमको…मैं ही बहन हूं तुम्हारी ..मैं ही अर्धांगिनी भी हूं …मैं ही शक्ति हूं …मैं ही सरल हूं …मैं ही सकल भी मैं ही श्वेत बादल हूं …मैं ही अंधियारी रात भी …मैं ही कल्पना हूं ..मैं ही हकीकत भी..मैं ही काया हूं और आत्मा भी मैं ही..
जाओ कोई जरूरत नहीं हैं तुम्हारी क्योंकि ..आश्वस्त हूं ..विश्वस्त हूं …निस्तब्ध हूं .. नारी हूं और तुम्हें देखकर निशब्द भी
क्षत्राणि हूं मैं ..पद्मावती हूं मैं ..
“ज़ी हिन्दुस्तान” की एंकर रिपोर्टर “माधुरी कलाल” ने हर हिन्दुस्तानी औरत की आवाज़ बन कर जो शब्द दिए वह हर एक को निशब्द कर देते है। सोचने पर मजबूर कर देते है उन्हें भी जो आज पद्मावत के विरोध के नाम पर तोड़ फोड़ आगजनी कर रहे है और उन्हें भी जो चुप बैठ तमाशबीन बने बैठे है। मेवाड़ की बेटी माधुरी का मानना है इन शब्दों को हर लड़की शेयर करे और अपने फोटो के साथ शेयर करे ,…. हम माधुरी के फोटो के साथ उनकी पोस्ट को शेयर किया है आप भी करिए क्यूँ कि आज हर माँ हर बेटी हर बहन हर पत्नी की यही आवाज़ है,
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