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खबर 1 – पंचतत्व में विलीन हुईं किरण माहेश्वरी:भाजपा नेता के इकलौते बेटे प्रशांत ने दी मुखाग्नि, PPE किट पहन परिजन अंतिम संस्कार में हुए शामिल
खबर 2 – जिसने कभी साइकिल भी नहीं चलाई, उसे कार से तस्करी में पकड़ा, 4 माह बाद अब पुलिस को खानी पड़ी मुंह की
खबर 3 – नई गाइडलाइन के तहत सख्ती:क्लोज कॉन्टैक्ट वाले तीन हजार लोग होम क्वारेंटाइन, नियम तोड़ा तो केस
खबर 4 – चचेरे भाई ने ही की थी मासूम से हैवानियत, मामला दर्ज करने वाला पिता क्या जाने की उसका बेटा ही दरिंदा निकलेगा
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खबर 1 – पंचतत्व में विलीन हुईं किरण माहेश्वरी:भाजपा नेता के इकलौते बेटे प्रशांत ने दी मुखाग्नि, PPE किट पहन परिजन अंतिम संस्कार में हुए शामिल
Udaipur. राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी मंगलवार सुबह पंचतत्व में विलीन हो गईं। उदयपुर के रानी रोड स्थित मोक्षधाम में किरण के इकलौते बेटे प्रशांत ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में किरण के परिजन और नजदीकी शामिल हुए। इस दौरान सभी ने पीपीई किट पहनी थी। इससे पहले किरण माहेश्वरी को उनके निवास पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया समेत प्रदेश भाजपा के कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। बता दें कि रविवार देर रात गुरुग्राम के अस्पताल में कोरोना संक्रमित किरण माहेश्वरी का निधन हो गया था। मंगलवार सुबह उनका पार्थिव शरीर उदयपुर स्थित उनके निवास स्थान पर लाया गया था। जहां उनके समर्थकों और परिजनों ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उन्हें श्रद्धांजलि दी। बता दें कि राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी (59) का रविवार देर रात गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 28 अक्टूबर को उनकी कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 7 नवंबर को एयर एंबुलेंस से माहेश्वरी को उदयपुर से मेदांता अस्पताल ले जाया गया था। किरण माहेश्वरी को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। वे पिछले 22 दिनों से मेदांता के ICU में एडमिट थीं। रविवार देर रात इंफेक्शन ज्यादा होने से उनका निधन हो गया।
खबर 2 – जिसने कभी साइकिल भी नहीं चलाई, उसे कार से तस्करी में पकड़ा, 4 माह बाद अब पुलिस को खानी पड़ी मुंह की
Udaipur. उदयपुर में पिछले 9 दिन से लगातार 100 से ज्यादा मरीज मिलने का क्रम सोमवार को टूट गया। अब 65 नए मरीज मिले। हिरणमगरी के 65 वर्षीय पुरुष मरीज की मौत भी हुई। लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 1 दिसंबर से उदयपुर सहित प्रदेशभर में नई गाइडलाइन के तहत फिर से कड़ी पाबंदियां लगा दी हैं। शहर में रात 8 से सुबह 6 बजे तक पहले से ही नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है। सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि नई गाइडलाइन के तहत उदयपुर के 808 कोरोना संक्रमितों के क्लोज कॉन्टैक्ट में आने वाले करीब 3 हजार संदिग्धों को होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है। होम आइसोलेशन में रह रहे 577 और होम क्वारेंटाइन 3 हजार संदिग्धों पर विभाग लगातार नजर रख रहा है। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। मेडिकल टीम लगातार फोलोअप लेती रहेंगी। इससे पहले संक्रमितों के क्लॉज कॉन्टैक्ट में आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग भी नहीं की जा रही थी। ऐसे में लोग नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे। शहरभर में मिल रहे संक्रमित, कंटेनमेंट जोन चुनना बड़ी चुनौती : अब कंटेनमेंट जोन में फिर से लॉकडाउन करने के आदेश जिला प्रशासन और चिकित्सा एवं स्वास्थ विभाग के लिए बड़ी चुनौति बन गए हैं। क्योंकि अभी शहर के सभी क्षेत्रों से संक्रमित सामने आ रहे हैं। ऐसे में कंटेनमेंट जोन किन नियमों के आधार पर चुना जाए ये तय नहीं हो पा रहा है। हालांकि कलेक्टर चेतन देवड़ा और सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी का कहना है कि कंटेनमेंट जोन को चिह्नित करने के लिए माइक्रो लेवल सर्वे करवाया जाएगा।
खबर 3 – नई गाइडलाइन के तहत सख्ती:क्लोज कॉन्टैक्ट वाले तीन हजार लोग होम क्वारेंटाइन, नियम तोड़ा तो केस
Udaipur. आमजन का कानून व् न्याय में विशवास लौटाते हुए डोडा-चूरा मामले के आरोपी को सीआईडी ने निर्दोष माना है .डोडा-चूरा मामले में पाली जिले के सुमेरपुर के तेजाराम की गिरफ्तारी मामले में उदयपुर पुलिस को मुंह की खानी पड़ी है। करीब 4 माह पहले 353 किलो डोडा-चूरा मामले में गिरफ्तार कर जेल में डाले गए तेजाराम को सीआईडी-सीबी ने अपनी जांच में निर्दोष माना है। सीआईडी-सीबी के एसपी विकास कुमार ने उदयपुर एसएसपी कैलाश चन्द्र बिश्नाेई काे पत्र लिखकर धारा 169 के तहत कोर्ट में रिपाेर्ट देने को कहा है। इसके आधार पर जल्द ही उसे रिहाई मिलने की उम्मीद है। जांच में हैरान करने वाले तथ्य ये सामने आए कि भेड़-बकरियां चराकर और खेती कर अपने परिवार का गुजारा करने वाले तेजाराम को एसयूवी गाड़ी (कार) से डोडा-चूरा तस्करी करने के आरोप में पकड़ा गया, लेकिन उसने तो कभी साइकिल तक नहीं चलाई। उदयपुर की वल्लभनगर थाना पुलिस ने इसी मामले में गिरफ्तारी एक अन्य आरोपी से पूछताछ नोट के आधार पर तेजाराम को पकड़ा था, जबकि पूछताछ नाेट के अलावा तेजाराम के खिलाफ पुलिस को काेई साक्ष्य नहीं मिला। सवाल ये है की तेजाराम की इस प्रताड़ना का जिम्मेदार कौन? इस मामले में तीन आईओ बदले, फिर भी न्याय नहीं मिला : एक ने तेजाराम को आरोपी बनाया, दूसरे ने पूछताछ कर छोड़ा तो तीसरे ने जेल भिजवाया 15 मई 2019 काे उदयपुर के वल्लभनगर के तत्कालीन डीएसपी संजय सिंह ने भटेवर चाैराहे पर नाकाबंदी में एसयूवी से 353 किलाे डाेडा चूरा जब्त किया और श्यामलाल काे गिरफ्तार किया। श्यामलाल ने पूछताछ में फरार हुए साथी का नाम उमेश बताया। इसके अलावा कार के ड्राइवर का नाम पता नहीं होने की जानकारी दी। खेराेदा थाने में केस दर्ज कर जांच वल्लभनगर थानाधिकारी महिपाल सिंह काे साैंपी गई। कुछ दिन बाद पाली की सुमेरपुर थाना पुलिस ने नाकाबंदी में दूसरे अभियुक्त उमेश काे गिरफ्तार किया।वल्लभनगर पुलिस उमेश को प्राेडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लाई। उसने कार चालक का नाम तेजाराम बताया। थानाधिकारी महिपाल सिंह का ट्रांसफर हाे गया, उनकी जगह आए इंस्पेक्टर सुमेर सिंह ने जांच आगे बढ़ाई और तेजाराम काे पकड़ा और पूछताछ कर छाेड़ दिया। इस बीच, डोडा-चूरा तस्करी के एक अन्य मामले में गाड़ी छोड़ने के बदले सुमेर सिंह पर 25 लाख रु. लेने का आरोप लगा और आईजी बिनीता ठाकुर ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। सुमेर सिंह की जगह आए इंस्पेक्टर गज सिंह ने 7 अगस्त 2020 काे तेजाराम काे गिरफ्तार किया। 10 अगस्त काे काेर्ट के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।उदयपुर पुलिस की इस लापरवाही का मामला जब सीएम अशोक गहलोत के पास पहुंचा तो उन्होंने सीआईडी-सीबी से जांच के आदेश दिए.इस पुरे मामले में तेजराम की पत्नी ने क्या कहा था ये भी सुनले आप……. एसएसपी कैलाश चन्द्र बिश्नाेई ने इसपर कहा की ,इस मामले में मुख्यालय से तेजाराम के खिलाफ साक्ष्य में अभाव पाए जाने का आदेश मिला है। जिस पर थानाधिकारी वल्लभनगर को 169 सीआरपीसी के तहत कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। जांच अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी ये मुख्यालय तय करेगा। कानूनविद् मनीष शर्मा, बार एसोसिएशन अध्यक्ष,ने कहा- किसी भी मामले में गिरफ्तार अभियुक्त के आरोप पर हुई जांच में साक्ष्य का अभाव पाया जाता है तो पुलिस 169 सीआरपीसी के तहत कोर्ट में रिपोर्ट पेश करती है। कोर्ट रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त की रिहाई या जमानत पर छोड़ने का फैसला देती है। तेजाराम की जल्द रिहाई हो सकती है।
खबर 4 – चचेरे भाई ने ही की थी मासूम से हैवानियत, मामला दर्ज करने वाला पिता क्या जाने की उसका बेटा ही दरिंदा निकलेगा
Udaipur. हैवानियत की हद पार कर आठ वर्षीय मासूम के साथ ज्यादती और उसकी हत्या कर शव कुएं में फैंकने का आरोपी बालिका का चचेरा भाई ही निकला। जिसने रिश्तों को तार-तार कर वारदात को अंजाम दिया। छोटीसादड़ी पुलिस ने वारदात के आरोपी घनश्याम (22) पुत्र रंगलाल मोग्या को गिरफ्तार कर लिया है। हैरान करने वाली बात है कि भतीजी से हैवानियत की शिकायत करने वाले रंगलाल को रिपोर्ट दर्ज करते वक्त यह जरा भी आभास नहीं था कि उसका बेटा ही दरिंदा निकलेगा।अभियुक्त के खिलाफ रिपोर्ट उसके पिता ने ही थाने में लिखवाई थी। हालांकि रिपोर्ट में अज्ञात के बारे में बताया जो बाद में उसका पुत्र ही निकला। रविवार को बालिका के अंतिम संस्कार के दौरान जहां पुरा गांव शामिल हुआ, वहीं घनश्याम इसमें नहीं आया तो परिजनों के शक की सूई उस पर गई। उन्होंने पुलिस को इस बारे में बताया। पुलिस ने धनश्याम को डिटेन कर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पूरी वारदात का राज उगल दिया। पिता गांव से बाहर मारवाड़ की ओर बकरियां खरीदने गया हुआ था। घर पर उसकी पत्नी व बच्चे थे। उसके भाई की करीब 8 वर्षीय पुत्री को रात को अज्ञात व्यक्ति अपने साथ ले गया। इस पर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मामला दर्ज किया। जांच के दौरान थानाधिकारी रविंद्र प्रताप सिंह और एसआई रामनिवास व पुलिस टीम ने बालिका की मां से पूछताछ की। बालिका की मां ने बताया कि रात को खाना खाकर बालिका उसके पास ही सोई थी। उसकी स्वयं की दोनों पुत्रियां चारपाई के पास नीचे जमीन पर साेई थीं। रात करीब 12 बजे बड़ी पुत्री ने बताया कि उसके साथ में सोई छोटी पुत्री वहां नहीं है। इस पर पुत्री की आस-पास काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई पता नही़ं चला। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आईजी विनीता ठाकुर ने बताया कि इस मामले का खुलासा करने के लिए एसपी चूनाराम जाट के नेतृत्व में पुलिस दिन रात जुटी रही। सभी ने इस मामले में दरिंदे को गिरफ्तार करने में अहम भूमिका निभाई है। आईजी ने पूरी पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।साथ ही उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को पदोन्नति भी दी जाएगी। अंतिम संस्कार के बाद कांस्टेबल सुरेश जाट ने परिजनों से फिर बात की और उनसे बारीकी से पूरी डिटेल ली। सुरेश ने परिजनों से ये पूछा कि अंतिम संस्कार के दौरान परिवार का कोई सदस्य ऐसा तो नहीं था जो आया न हो या जिसका व्यवहार कुछ बदला हुआ लग रहा हो। इस पर परिजनों ने घनश्याम की बात बताई। सुरेश ने उसकी मॉनिटरिंग की तो परिजनों की बात सही लगी। इस पर सुरेश ने मुख्य संदिग्ध घनश्याम के बारे में उच्चाधिकारियों को पूरी बात बताई और मामला खुला।घटना का खुलासा करने पहुंची उदयपुर रेंज की आईजी विनीता ठाकुर जब मेघपुरा गांव स्थित घटनास्थल पर पहुंची तो मासूम की मां आईजी के सामने फफक-फफक कर रोने लगी।रोते हुए उसने आईजी को बताया कि उसकी बेटी को तो दरिंदे ने छीन लिया, लेकिन बेटी की आत्मा की शांति के लिए प्रशासन राक्षस रूपी दरिंदे को फांसी की सजा दे, ताकि कोई भी ऐसा घिनौना कृत्य करने की हिम्मत ना करे। इस दौरान कुछ महिलाएं भी यहां पहुंच गईं। उन्होंने आईजी को बताया कि मासूम बालिका तो आज इस दुनिया में नहीं रही, लेकिन उसके हत्यारों को फांसी की सजा हो। इस पर आईजी ठाकुर ने महिलाओं एवं ग्रामीणों को आराेपी को कठोर सजा देने का आश्वासन दिया।
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