वाराणसी। बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोकने के मंसूबों के साथ अरविंद केजरीवाल वाराणसी पहुंच चुके हैं। यह तय माना जा रहा है कि दोपहर तीन बजे बेनियाबाग की जनसभा में केजरीवाल, मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोकने का औपचारिक ऐलान कर देंगे। हालांकि, केजरीवाल ने दोहराया है कि वाराणसी की जनता से राय लेने के बाद ही वह चुनाव लडऩे का फैसला करेंगे।
दिल्ली से शिवगंगा एक्सप्रेस से वाराणसी पहुंचने के बाद उन्होंने गंगा में स्नान किया। इसके बाद केजरीवाल कालभैरव मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। उनका कार्यक्रम संकटमोचन मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन के लिए जाने का भी है। मंदिरों में दर्शन के बाद चौक से बेनियाबाग तक रोड शो करेंगे और उसके बाद बेनियाबाग में केजरीवाल की जनसभा होगी।
जानकारी के मुताबिक, जनसभा में केजरीवाल अपनी उम्मीदवारी का अनुमोदन तो कराएंगे ही, नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमले भी बोलेंगे और उनके विकास के दावों को झूठा साबित करने की कोशिश करेंगे। इसके लिए चार पेज की चि_ी भी बांटी जाएगी। इस चि_ी में कहा जाएगा कि बनारस में कई साल से सांसद, विधायक, नगर निगम के ज्यादातर पार्षद और मेयर बीजेपी के ही हैं। इसके बावजूद सारा शहर बदहाल है।
यहां पार्टी गंगा की सफाई और बुनकरों की समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनाएगी। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों की तर्ज पर उनकी पार्टी हर लोकसभा क्षेत्र के लिए अलग घोषणापत्र तैयार करेगी। बनारस के घोषणा पत्र में गंगा, बिजली, पानी, सड़क, सफाई के अलावा बुनकरों की बदहाली दूर करने पर जोर होगा। इसके लिए पूरी कार्ययोजना समय आने पर प्रस्तुत की जाएगी।
कार्यक्रम के मुताबिक अरविंद केजरीवाल दो दिन बनारस में रहेंगे। बेनियाबाग की रैली से पहले कालभैरव और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के जरिए केजरीवाल का हिन्दूवादी चेहरा लोग देखेंगे तो रैली के बाद शाम को मुस्लिम टोपी पहने वह तंजीमों के सरदार और बुनकरों से नाता जोड़ेंगे। मुस्लिम इलाकों में जाने से पहले वह मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन के घर जाकर गुफ्तगू करेंगे।
अरविन्द के कार्यक्रम का जो खाका तैयार किया है, उसमें वह पिछड़े और कुर्मी वोटों को साधने की योजना है। 26 मार्च को भारत माता मंदिर से 30 किलोमीटर लम्बे रोड-शो के मार्ग रथयात्रा, महमूरंगज, मुढ़ैला से मोहनसराय होते हुए मिर्जामुराद और इलाहाबाद हाईवे पर स्थित अखरी तक का क्षेत्र पिछड़े- कुर्मी वोटों के गढ़ के रुप में जाना जाता है। हालांकि इस रोड शो के लिए प्रशासन ने अभी तक अनुमति नहीं दी है।
मोदी से भिडऩे के मंसूबे के साथ वाराणसी पहुंचे केजरीवाल
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