उदयपुर। राजनीति का ऊंट कभी भी किसी भी करवट बैठ सकता है। इस बात में कोई दौराय नहीं है। फिर चाहे धूर विरोधी ही क्यों न हो। अगर आगे भी बने रहना है तो राजनीति मे कुटनीति भी करनी जरूरी होती है और सालों की दुश्मनी को भुलाकर भी एक होना पड़ता है। चाहे उसके बाद समर्थकों में विवाद क्यों न हो जाए। कुछ एसी ही कहानी बयां कर रहे हैै पिछले दिनों वायरल होते दो फोटो जिसमें करीब डेढ दशक में खुले रूप से आमने – सामने हुए एक ही पार्टी के दो दिग्गज मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं। वैसे तो यह असंभव है लेकिन कहते है न तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती है। जीहां पिछली नौ व दस सितम्बर को राजसमंद के कांकरोली में राश्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की एक बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें संघ से जुड़ा हर कार्यकर्ता शामिल हुआ। वहीं 10 सितम्बर की बैठक के दौरान अरसे से विरोधी रहे गृहमंत्री कटारिया और प्रधान सेवक के करीबी माने जाने वाले धर्मनारायण जोशी एक साथ दिखाई दिए। यह बात सुनने में भी असंभव व असहज लगती है कि आखिर ऐसा हो कैसे सकता है क्योंकि दोनो ही धूर विरोधी सार्वजनिक रूप से भी एक दुसरे पर आरोप – प्रत्यारोप लगाते आए है और कई बार खुला पत्र जारी करके भी एक दुजे का विरोध करते दिखाई दिए है। लेकिन इस बात में भी कोई अतिशियोक्ति नहीं है कि गृहमंत्री कटारिया हर चुनावी वर्ष से ठीक पहले अपने करीबियों को दूर और विरोधियों को करीब करने के हथकण्डे अपनाते दिखाई देते हैं। लेकिन यह दरार तो काफी पुरानी है अगर ऐसा होता है तो भाईसाहब की उपलब्धियों में एक और सितारा लगाने से कोई रोक नहीं सकता है। उसके बाद से ही जोषी और कटारिया के समर्थकों में काफी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। वैसे जोशी के समर्थकों और प्रशंषकों में भी इस बात की काफी हैरानी देखी जा रही है कि आखिर धर्मनारायण जोशी ऐसा कर कैसे सकते है । उसके बाद एक फोटो ओर वायरल हुआ है जिसमें अकबर की सभा का एक सीन दिखाया गया और अकरब और बीकानेर के पृथ्वीराज राठौड़ जिन्हे पीथल के नाम से भी जाना जाता है वह व्यंग्य भी किया गया है। वैसे प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी के कम होते तिलिस्म को देखते हुए भी हो सकता है संघ की ओर से यह प्रयास किया गया हो कि धर्मनारायण जोशी को कोई बड़ा ओहदा देकर कटारिया से दोस्ती करवाने की पहल की जा सके, यह चर्चा भी सियासी गलियारों में सोच का विशय बनी हुई है। हालाकि इस पूरे मामले पर जब उदयपुर न्यूज सम्पादक मनु राव ने भाजपा के कद्दावर नेता धर्मनारायण जोशी की राय जानी तो उन्होंने किसी भी मिलन के लिए साफ मना कर दिया और कहा कि यह सिर्फ एक संयोग था और जो भी बातें बनाई जा रही है वह कोरी अफवाह मात्र है।
पंद्रह साल के विरोधी गुलाबचंद कटारिया और धर्मनाराण जोशी अब साथ – सच या सिर्फ अफवाह या, समर्थक है हैरान – परेशान
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