उदयपुर, अंचल में शुकवार को मुस्लिम समुदाय द्वारा ईद मिलादुन्नबी पर्व अकीदत एवं जोश खरोश के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अंजुमन चौक में आयोजित दो दिवसीय जश्न गुरूवार रात सम्पन्न हुआ जिसमें ऑलेमाओं द्वारा तकरीरे की गई। शुक्रवार को जुलूसे मोहम्मदी का आयोजन हुआ।गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले निकले जुलूसे मोहम्मदी में वतन परस्ती दिखाई दी। युवाओं और बच्चों ने तिरंगा लहराकर भी खुद को गौरवान्वित महसूस किया। जुलूस में अन्य धर्मो के लोगों की ओर से जुलूस का कई जगह इस्तकबाल किया गया। जुलूस में ‘कौन शहरे मक्का में सुबह-सुबह आया है, जिसके नूर से आलम सारा जगमगाया है..’, ‘अक्ल सब की हैरां है, देखकर शहेदीं को ये बशर तो है, लेकिन क्यों न इनका साया है..’ आदि कलाम गूंजते रहे।
शुक्रवार को जुलूसे मोहम्मदी निकाला गया जिसमें पूरे शहर के मुस्लिम शमिल हुए। आय$ड एवं पहाडा से जुलूस शास्त्री सर्कल स्थित रेहमानीया मस्जिद पहुचा जहां जुम्मे की नमाज अता करने के बाद यह काफिला हाथीपोल पहंच कर मुख्य जुलूस में शामिल हुआ। अन्य मोहल्लों का जुलूस अंजुमन पहुचा जहां से अपरान्ह पोने तीन बजे जुलूस आरंभ हुआ। जुलूस में घोड़े , उंट गाडी, अन्य वाहनों में सवार बच्चे-युवा धार्मिक नारे लगाते हुए चल रहे थे। इस बार जुलूस में बच्चों की संख्या अधिक थी। जुलूस अंजुमन से घण्टाघर, मोती चौहट्टा होते हुए हाथीपोल पहुंचा। मार्ग में जगह -जगह जुलूस का स्वागत किया गया। मुस्लिम मोहल्लों में स्वागत द्वार बनाए गए तथा शरबत,खीर आदि की सबीले लगाई गई। हाथीपोल से जुलूस जाटवाडी होते हुए नई पुलिया पहुंचा। नई पुल पर पहली बार आकर्षक सजावट की गई। यहां से अम्बामाता कच्ची बस्ती- आयुवै चौराहा-मल्लातलाई होते हुए जुलूस शाम ६३० बजे ब्रम्हपोल बाहर स्थित इमरत रसूल बाबा की दरगाह पहुंचा जहां चादर पेश कर फातेहा के बाद वतन में अमनों अमान की दुआ के साथ विसर्जित हुआ।
खूब लहराया तिरंगा