पिता एक हाथ में बेटा और दुसरे हाथ में उसका कटा हुआ हाथ लेकर पंहुचा अस्पताल

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पोस्ट न्यूज़. घटना जोधपुर के चिर ढाणी गाँव की है, जहाँ पर एक छोटी सी भूल ने एक मासूम का हाथ कंधे से उखाड़ दिया, और ज़िन्दगी भर के लिए अपाहिज बना दिया, 9 साल के मासूम बच्चे का पिटा आँखों में आंसू लिए एक हाथ में अपने बेटे को थामे दुसरे हाथ में उसके हाथ को पकडे अस्पताल में पहुचा तो हर किसी का दिल दहल गया .
हादसे में 9 साल के बबलू का पूरा हाथ उसके कंधे से अलग हो गया। पिता हाथ लेकर अस्पताल भी गए, लेकिन देर हो जाने की वजह से डॉक्टर उसे नहीं जोड़ पाए। जोधपुर के चिरढाणी गांव में बबलू अपने पिता गेपरराम के साथ खेत में गया था। वहां दोनों ने ट्रॉली में ज्वार का चारा भरा और उसे रस्सियों से बांध दिया। वापसी में रस्सी का एक सिरा नीचे लहरा रहा था। यह देख ट्रैक्टर के पीछे बैठे बबलू ने उसे अपने हाथ में लपेट लिया। रास्ते में नदी की रपट पर ट्रॉली को झटका लगा और रस्सी का वह सिरा टायर के नीचे दब गया, जिसे बबलू पकड़कर बैठा था। रस्सी के तेज झटके से बबलू का हाथ कंधे से अलग हो गया।
मासूम की चीख निकल पड़ी, लेकिन ट्रैक्टर चला रहे पिता को पता ही नहीं चला। तब बबलू ने चिल्लाते हुए कहा कि मेरा हाथ पीछे रह गया तो पिता ने तुरंत ट्रैक्टर रोका। कटा हाथ उठाया और पीपाड़ हॉस्पिटल पहुंचे। यहां से उसे जोधपुर रैफर किया। गेपरराम एक हाथ में बबलू और दूसरे में उसका कटा हाथ लिए जोधपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन देरी होने के कारण हाथ नहीं जुड़ पाया।
इससे पहले 7 सितंबर को हुए सड़क हादसे में बबलू के दादा मांगीलाल की मौत हो गई थी। चाचा गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे जिनका आज भी इलाज चल रहा है।
 हाथ पर पट्‌टी बांधे मंगलवार को जब बबलू अपनों के बीच गांव पहुंचा तो मायूसी उसकी आंखों से छलक रही थी। उसे इस हालत में देखकर हर किसी की आंखें भर आईं। सब उसे अपने तरीके से बहला रहे थे, लेकिन वह गुमसुम ही रहा।

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