कन्हैया के समर्थन में पर्चे बांटते छात्रों को एबीवीपी के पदाधिकारियों ने पीटा, पीडि़त छात्र मामला दर्ज कराने पहुंचे थाने
उदयपुर। देशद्रोह का मामला झेल रहे जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया के समर्थन में आज साइंस कॉलेज में पर्चे बांट रहे एसएफआई के सचिव सहित तीन छात्रों की एबीवीपी के पदाधिकारियों ने पिटाई कर दी। यह आरोप लेकर एसएफआई सचिव सहित तीन छात्र प्रकरण दर्ज कराने के लिए भूपालपुरा थाने पहुंचे हैं। पुलिस सत्यता का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। इससे पूर्व एबीवीपी ने कथित देशद्रोही कन्हैया का समर्थन करने वालों के खिलाफ तिरंगा लेकर मार्च करते हुए प्रदर्शन किया।
सूत्रों के अनुसार एसएफआई का सचिव और साइंस कॉलेज का छात्र सौरभ नरुका, आट्र्स कॉलेज का छात्र राहुल रोत और पेसिफिक यूनिवरसिटी का इंजीनियरिंग छात्र रामदेव झाखड़ आज दोपहर साइंस कॉलेज और कॉमर्स कॉलेज में आईसा और एसएफआई के पर्चे बांट रहे थे, जिसमें जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया को निर्दोष बताते हुए एबीवीपी पर राजनीतिक उन्माद खड़ा करने का आरोप लगाया गया है। सौरभ नरुका और उसके साथियों का आरोप है कि जब वे लोग कॉलेज कैंपस में पर्चे बांट रहे थे, तभी एबीवीपी के पदाधिकारी और छात्रनेता आए, जिन्होंने उनसे मारपीट की और पर्चे छीनकर भाग गए। यह मामला लेकर सौरभ और उसके साथ भूपालपुरा थाने पहुंचे, जहां मामले की सत्यता जानने के लिए पुलिस ने कॉलेज कैंपस में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की है।
ABVP का मार्च
उदयपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आज मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में जेएनयु के मामले को लेकर तिरंगा मार्च निकाला। देश के खिलाफ मारे लगाने वालों का समर्थन करने वालों के खिलाफ नारे बाजी की ।
आज सुबह मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के गेट से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने मिल कर तिरंगा मार्च निकाला जो आर्स कॉलेज होता हुआ प्रशासनिक भवन पहुंचा वामपंथी दलों और कांग्रेस के खिलाफ काफी देर तक नारे बाजी की। प्रशासनिक भवन के बाहर ही सभा का आयोजन भी किया। एबीवीपी के राष्ट्रीय संयोजक प्रवीण आसोलिया ने कहा कि जेएनयु में राष्ट्र विरोधी नारे लगाना बेहद शर्मनाक है, और उससे अधिक शर्मनाक बात हैं की उनके समर्थन में कांग्रेस और वामपंथी दल उनका समर्थन कर रहे है। इस मोके पर एबीवीपी के नेता देवेन्द्र चुण्डावत, जयेश जोशी, नीरज सामर, गजेन्द्र राणा ज्योति त्रिपाठी आदि मौजूद थे।