उदयपुर। राजस्थान माइंस एंड मिनरल्स (आरएसएमएम) की झामर कोटड़ा माइंस के करीब १२ सौ अस्थाई श्रमिक आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर गए हैं। ये सभी श्रमिक वेतन विसंगति, सुरक्षा संबंधित खामियों सहित अन्य मांगों को लेकर प्रबंधन से नाराज चल रहे हैं। इन अस्थाई श्रमिकों को झामर कोटड़ा, चांसदा, लकड़वास, पंचायतों का भी समर्थन भी प्राप्त है।
जय झामेश्वर अस्थाई मजदूर संघ के बैनर तले आज माइंस के बाहर धरने पर करीब १२ सौ अस्थाई श्रमिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। इन श्रमिकों ने बताया कि ठेकेदार महीने में १८ से २० दिन का वेतन ही देता है और आठ घंटे की जगह १२ घंटे तक माइंस में काम कराया जाता है। श्रमिकों ने बताया कि बरसों से वे इस माइंस में काम कर रहे हैं, लेकिन ओपन माइंस में सुरक्षा के मापदंड़ों के आधार पर उन्हें कोई भी सुविधाएं नहीं दी गई है। वेतन भी काफी कम दिया जा रहा है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में महीनेभर पहले उदयपुर के ग्रामीण और शहर विधायक, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर साहब को ज्ञापन दे चुके हैं।
इन श्रमिकों ने बताया कि अस्थाई श्रमिकों द्वारा ही माइंस का ८५ प्रतिशत प्रोडक्शन किया जाता है। इन श्रमिकों के समर्थन में चांसदा सरपंच शंकरलाल, लकड़वास सरपंच जग्गूराम, झामरकोटड़ा सरपंच वर्दी बाई, पंचायत समिति सदस्य विजयसिंह शक्तावत, झामरकोटड़ा के पूर्व सरपंच भैरूलाल, उप सरपंच राजवीरसिंह, लेम्पस सदस्य हेमंत मेघवाल भी धरने पर हैं।
:ये समस्या ठेकेदार और श्रमिकों को बीच की हैं। वेतन को लेकर विसंगति है। हड़ताल से माइंस में काम रूक गया है। ठेकेदार से बात करेंगे और हड़ताल खत्म कराने का प्रयास किया जाएगा।
-विकास एस. भाले, कलेक्टर (आरएसएमएम के एमडी का अतिरिक्त चार्ज)
झामर कोटड़ा माइंस बंद
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