“सारे आलम में छाया नूर” जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर शहर में निकला भव्य जुलूसे मोहम्मदी (PHOTO)

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रिपोर्ट – अब्दुल लतीफ़

सभी फोटो – ( वरिष्ठ फ़ोटोग्राफर) मोहम्मद सगीर

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उमडे हजारों अकीदतमंद, हर जगह हुआ गर्मजोशी से इस्तकबाल
सफ़ेद लिबास ने दिया शांति का संदेश
उदयपुर। मुस्लिम समुदाय ने मंगलवार को हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर निकले जुलूसे मोहम्म्दी में अकीदत के साथ शामिल हुए। इस दौरान जहां अधिकतर युवा सफेद लिबास पहने हुए थे वहीं जुलूस में बुजुर्गों से लेकर बच्चे तक शामिल थे। जुलूस-ए-मोहम्मदी में सत्तर हजार से अधिक की संख्या में लोग शामिल थे वहीं हाथीपोल एवं मल्लातलाई में घरों के बाहर खडी महिलाओं एवं युवतियों ने जुलूस को इस्तकबाल किया। विभिन्न मुस्लिम मौहल्लों से शामिल हुए जुलूस में बैण्ड के साथ ’सहाबा-सहाबा हमारे सहाबा, नबी चांद है और सितारे सहाबा, सोणा आया ते सजदी गलियां बाजार, हम देश में गुंजेगा या रसूल’ सहित हुजूर की शान में कई नातियां कलाम पेश करते हुए चल रहे थे।
शहर की विभिन्न मुस्लिम बस्तियों ने जुलूसे मोहम्मदी प्रात: ११ बजे से निकलना आरंभ हो गए। शहर के सवीना एवं खांजीपीर से निकलने वाले जुलूस सीधे अंजुमन चौक से आरंभ होने वाले मुख्य जुलूस में शामिल हुए जबकि सुन्दरवास, पहाडा तथा आयड से निकलने वाले जुलूस सीधे हाथीपोल पहुंचकर मुख्य जुलूस में शामिल हुए। मुख्य जुलूस अपरान्ह एक बजे अंजुमन चौक से आरंभ हो बडा बाजार, घंटाघर, हरवेनजी की खुर्रा होते हुए हाथीपोल पहुंचा। जुलूस का मार्ग में जगह-जगह इस्तकबाल किया गया। हाथीपोल पर जुलूस पहुंचने पर जब आयड, पायडा एवं सुन्दरवास के जुलूस शामिल हुए तो जुलूस का मुस्लिम युवाओं द्वारा जोरदार अभिनन्दन किया गया। हाथीपोल से जुलूस सिलावटवाडी, जाटवाडी, नई पुलिया, अम्बावगढ कच्ची बस्ती, आयुर्वेद चौराहा होते हुए मल्ला तलाई पहुंचा। मल्लातलाई में भी जुलूस का जोश-खरोश से इस्तकबाल हुआ। यहां से जुलूस ब्रह्मपोल बाहर स्थित हजरत इमरत रसूल बाबा की दरगाह पहुंचा जहां बाबा के म$जार पर चादर पेश कर प*ातेहा के बाद मुल्क में अमन-चैन एवं खुशहाली की दुआ के बाद जुलूस खत्म हुआ।

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जुलूस में संख्या का अंदाज इस बात से लगाया कि उसका एक छोर नई पुलिया पर था तो अंतिम छोर इमरत रसूल बाबा की दरगाह तक पहुंच चुका था। जुलूस के स्वागत के लिए मार्ग के दोनों ओर हजारों की तादाद में स्त्री-पुरूष बच्चे नये लिबास पहनकर कतारबद्घ खडे थे। जुलूस में अधिकांश युवाओं ने सफेद इस्लामी पौशाक पहन कर शंति का संदेश दिया। जुलूस के स्वागत के लिए पूरे माठा में आकर्षक स्वागत द्वार सजाए गए तथा मिठाईयां एवं विभिन्न व्यंजन वितरित किए गए।
जुलूस में घोडे, ऊंट गा$डियां एवं दोपहिया एवं हल्के वाहन बच्चों एवं वृद्घों को बैठाए चल रहे थे, उसी के साथ म्युजिक सिस्टम पर कौमी नग्मों से जुलूस को धार्मिक रंगत मिल रही थी। दावत-ए- ईस्लामी से सम्बद्घ युवा सपे*द लिबास पर हरी पग$डी बांधे सुर-मधुर स्वर में नात-ए-कलाम से माहौल को धर्ममयी बनाए हुए थे। नातों की धून पर कुछ वृद्घ श्रद्घा से झूमते दिखाई दिए। जुलूस के दौरान रोक के बावजूद भी रह-रह कर आतिशबाजी हो रही थी।
इससे पूर्व सोमवार को देर रात तक अंजुमन के जलसे का आयोजन किया गया जहां भोर तक श्रद्घालु मुस्लिम औलेमाओं के धार्मिक तकरीरे सुनते रहे। जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन के पुख्ता प्रबंध के चलते किसी अप्रिय वारदात के समाचार नहीं है। जुलूस के शांतिपूर्वक सम्पन्न होने पर पुलिस प्रशासन एवं इंतजामिया कमेटी ने सभी का आभार व्यत्त* किया।

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