उदयपुर , जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जुलुस पूरी शानो शोकत के साथ निकला बेंड की धुनों पर हुजुर की शान मै नातें पड़ते जुलुस अंजुमन से बड़े मोलाना साहब की दरगाह ( ब्रहम पोल) पंहुचा | जुलुस की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हे की एक सिरा सिलावट वादी था तो आखरी सिरा मुखर्जी चोक जुलुस में करीब ८०००० हज़ार लोग शामिल हुए |
सोना आया के सज गयी गलिय बाज़ार ” हर तरफ बस यही गूंज थी ” सरकार की आमद मरहबा आका की आमद मरहबा ” मुखर्जी चोक में एक बजे से ही लोग जमा होना शुरू हो गए थे सफ़ेद लिबास में सर पर टोपी और सफ़ेद अमामा बांधे क्या तो बच्चे और क्या बूढ़े जवान सब हुजुर की शान में दिल में मोहब्बत लिए जुलुस के जश्न में शामिल होने के लिए सज धज कर पहुच गए अंजुमन से जुलुस २ बजे रवाना हुआ तब तक आस पास के कस्बों से भी लोग शामिल होने आगये | जूलुस अंजुमन से शुरू होकर बड़ा बाज़ार होते हुए हाथी पोल पहुचना शुरू होगया आगे अंजुमन तालीमुल इस्लाम के सदर शराफत खान और सेक्रेटी फारुख हुसेन सहित सभी सदस्य जुलुस की अगुवाई कर रहे थे और उनके साथ में बड़े मोलाना सहब की दरगाह पर चढाई जाने वाली चादर साथ थी |
हाथी पोल से शहर के दुसरे मोहल्ले , पहेड़ा, आयड़ , सवीना के लोग जुलूस की शकल में शामिल होगये |
जुलुस में १०० से ज्यादा चार पहिया वाहन और ५० से ज्यादा बड़े ओटो उन पर बड़े बड़े स्पीकरों में हुजुर की शान में नाते बजायी जारही थी और लोगो के हाथ में हरे झंडे जो लहरा रहे थे |
जुलुस में करीब १० ऊंट गाड़िया शामिल थी जिनपे बच्चे सवार थे और करीब २४ घोड़े साथ में चल रहे थे | धोली बावड़ी के मोलाना शकिरुल कादरी घोडा गाड़ी में सवार थे कई बुज़ुर्ग जो चल नहीं सकते थे वे जीपों में और बड़े ओटो में सवार हो कर जुलुस में शामिल थे |
अंजुमन से लेकर मल्लातलाई तक हर कदम कदम पर लोगों ने स्टाले लगा राखी थी जो फूटी , आइस क्रीम , कोल्ड ड्रिंक मिल्क शेक , फल फ्रूट , और भी कई अनन्य खाने की चीजे जुलुस में शामिल लोगो को बांटी जा रही थी |
रना जी चोराहे पर मुस्लिम महासभा और वकीलों द्वारा स्वागत किया गया , जुलुस के स्वागत के लिए हर समुदाय के संगठनों ने स्वागत द्वार लगवाए थे मल्ला तलाई तक जुलुस पहुच कर पूरी भव्यता लिए हुए था हर रास्ता सजा हुआ था सड़क के दोनों ओर खाने पिने की स्टाल सजी हुए थी | मलातली में हुसेनी कमिटी द्वारा जुलुस का भव्य स्वागत किया गया .
ब्रम्पोल स्थित बड़े मोलाना साहब की दरगाह पहुच कर चादर चढाई गयी और फातेहा पड़ के मुल्क की अमन चैन की दुआ मांगी गयी |