उदयपुर, जरूरतमंदों के लिये अपना घर का सपना आवश्यक सुविधायुक्त आवास उपलब्ध हो। यह विचार के साथ जनमंच उदयपुर व शहर के अन्य लोगों ने वर्तमान सरकार की नीति एवं भूमि दलाल, माफिया व भ्रष्ट प्रशासन के विरोध में कलेक्ट्री पर धरने के साथ अपना घर का सपना का आंदोलन शुरू किया।
धरने के दौरान माकपा सचिव बी.एल. सिंघवी ने कहा कि अपना घर या मकान हर आदमी का सपना होता है ज्हां वह सुकून के पल बिताता है लेकिन वर्तमान सरकार, भूमि दलाल, व भ्रष्ट प्रशासन के गठजोड से आम आदमी का यह सपना चूर-चूर हो गया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह एक आवास नीति घोषित करें, जिसमें समस्त जरूरतमंदों को एक निश्चित समय सीमा में अवश्य सुविधायुक्त आवास उपलब्ध करावें।
पूर्व विधायक एवं भाजपा जिला सचिव मेघराज तावड ने कहा कि आवासन मण्डल नगर विकास प्रन्यस पंगु बन गये है। वे आवास देने के बजाय भू माफियाओं के लिये भूमि रूपान्तरण व सुविधा उपलब्ध करवाने वाले ऐजेन्ट मात्र है। जनमंच के संयोजक अरूण व्यास ने कहा कि जिसे लोग धरती मां कहते थे आज वहीं धरती मां कुछ मुनाफाखोरो के लिये सिर्फ ज्यादा मुनाफे वाला उद्योग बना हुआ है और उन्होंने प्रशासन को भी भ्रष्ट कर रखा है। इस धंधे में राजनैतिक लोग ज्यादा लगे हुए है।
समाजवादी पार्टी के भंवरलाल वैरागी के अनुसार उदयपुर शहर का हर तीसरा व्यक्ति इन भू माफियाओं का सताया हुआ है। जो डरा धमका कर ठगी कर धोखे से अपनी पैतृक सम्पत्तियों को कोडियों में इनके हाथों बेचने को मजबूर कर देते है।
सामाजिक कार्यकर्ता हरीश सुहालका ने कहा कि भू माफिया राजनेताओं के साथ मिलकर गरीब आदिवासियों किसान की जमीन धोखे से कोडियों की कीमत में खरीद कर उन पर प्लानिंग कर मुनाफा कमाने में लगे हुए है।
पार्षद राजेश सिंघवीने कहा कि राजस्थान में शहरी भूमि हदबंदी कानून पुन: लागू करा किसी भी व्यत्ति पास अधिकतम आवास योग्य भूमि को सीमा तय कर उससे अधिक भूमि को जब्त कर जरूरतमंदों को दी जावे। सभा में सभी ने आवासीय उपयोग हेतु कृषि भूमि में व्यवसाय पर रोक लगाने ऐसे व्यवसाय को अवैध घोषित करने, कृषि भूमि को गैर कृषक को बेचने पर रोक लगाने आदि आम आदमी को आवास की सुविधा मुहैया कराने की मांग की व सभा के उपरांत जन मंच की ओर से एक प्रतिनिधि मण्डल ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को देकर आम आदमी के घर के सपने को पूरा करने हेतु आवास नीति बनाने की मांग की। इस अवसर पर जन मंच उदयपुर की ओर से इस मुद्दे को जन आंदोलन बनाने का भी ऐलान किया गया।