जयपुर। सोशल इंजीनियरिंग सही बैठाने के चक्कर में जयपुर शहर की आठ सीटों पर उम्मीदवार तय करना कांग्रेस के लिए इस बार खासा मुश्किल हो रहा है। सबसे बड़ी परेशानी कांग्रेस के पुख्ता वोट बैंक माने जाने वाले मुस्लिम समुदाय के लिए सीट तय करने में आ रही है। इस बार अभी तक शहर में एक भी सीट ऎसी चिçन्ह्नत नहीं हो सकी है जिस पर मुस्लिम उम्मीदवार का टिकट पक्का माना जाए।
मुस्लिम समुदाय शहर की 8 में से 3 सीटों पर दावेदारी कर रहा है। समुदाय के कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने हाल ही कार्यक्रम आयोजित कर आदर्श नगर, हवामहल तथा किशनपोल सीट पर दावेदारी की है। लेकिन इन तीनों जगह इस बार समीकरण कुछ ऎसे बैठ रहे हैं कि मुस्लिम समुदाय को दो सीट देना भी मुश्किल रहेगा।
अब तक पार्टी आदर्श नगर सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी खड़ा करती रही है। पिछली बार किशनपोल से भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट मिला था। इस बार आदर्श नगर से राजीव अरोड़ा ने दावेदारी कर दी है और वे न सिर्फ पार्टी के उपाध्यक्ष हैं बल्कि मुख्यमंत्री के काफी नजदीकी माने जाते हैं। किशनपोल सीट पर ब्राह्मण व वैश्य समाज दावेदारी कर रहा है।
इनका कहना है कि भाजपा यहां से वैश्य समुदाय को टिकट देती है। इसलिए कांग्रेस को सीट निकलानी है तो वैश्य या ब्राह्मण को टिकट देना चाहिए। वैसे भी वैश्य समुदाय को पार्टी दो-तीन चुनाव से टिकट नहीं दे रही है। इसी तरह हवामहल सीट पर शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा का नाम लगभग फाइनल माना जा रहा है।
खींचतान यहां भी…
पार्टी को अन्य सीटों पर भी सोशल इंजीनियरिंग सैट करने में मुश्किल हो रही है। जयपुर के सांसद महेश जोशी विद्याधर नगर सीट पर विक्रम सिंह शेखावत को टिकट दिलाने के लिए दबाव बना रहे हैं। उधर सिविल लाइंस में मौजूदा विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास का नाम फाइनल माना जा रहा है।
ऎसे में दो सीटें राजपूत समाज के पास जाती है तो अन्य जातियां विशेषकर ब्राह्मण दो सीट की मांग कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि समीकरण सही बैठाने के लिए पार्टी मालवीय नगर से किसी वैश्य को और सांगानेर से किसी ब्राह्मण या सिंधी, माली या अन्य समुदाय के प्रत्याशी को टिकट दे सकती है।