उदयपुर। हाल ही संपन्न हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद देशभर में सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस पूरी तरह मौन हो गई है। पांच माह बाद होने वाले निगम के चुनावों को लेकर भी कांग्रेसियों में कोई उत्साह नहीं दिखाई पड़ रहा है। निगम के एक्सईएन समरथसिंह बाबेल का सत्तारूढ पार्टी से परेशान होकर आत्महत्या का प्रयास करने के मामले में भी कांग्रेसी पार्षदों का मौन रहना यह साबित करता है कि उदयपुर शहर कांग्रेस वेंटिलेटर पर है, जो विधानसभा और लोकसभा चुनावों में हुई करारी हार से पूरी तरह टूट चुकी है। चुनाव पूर्व एमएलए और एमपी का टिकट पाने के लिए दावेदारों की लंबी लिस्ट थी, जो भी अब सामने नहीं आ रहे हैं। हालांकि चंद लोगों ने जरूर विरोध किया, जिनमें दिनेश श्रीमाली, अजय पोरवाल और जेपी निमावत के नाम शामिल है।
आश्चर्य तो इस बात पर है कि उल्लेखनीय है नगरनिगम के वरिष्ठ इंजीनियर श्री बाबेल के पिछले दिनों दूध तलाई क्षैत्र में अपनी कलाई काटकर आत्महत्या का प्रयास कि या था। इस बारे में आरोप यह है कि श्री बाबेल पर गलत काम करने के लिए इतना दबाव डाला कि वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए। दिगम्बर जैन समाज, श्वेतांबर समाज, ओसवाल बड़े साजन, ओसवाल छोटे साजन, महावीर युवा मंच, महावीर युवा मंच संस्थान, महावीर जैन परिषद, जैन जाग्रति सेंटर, अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन, दिगंबर जैन बीसा नर्सिंगपुरा जैन समाज सहित 100 से ज्यादा संस्थाएं उदयपुर में समाज उत्थान का काम कर रही है, लेकिन समरथसिंह बाबेल के समर्थन में एक भी संस्थान का अभी तक नहीं आना साबित करता है कि जैन समाज भी सत्तारूढ़ पार्टी के चंगुल में फंसा हुआ है।
: अगर समाज के किसी व्यक्ति को उसके आफिस में प्रताडित किया जा रहा है तो यह सरासर गलत है, ऐसे लोगों या पार्टी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसका हम विरोध करते हैं, वैसे मैं चार दिन से बाहर हूं।
-निर्मल पोकरण, अध्यक्ष महावीर युवा मंच
: मुझे इस मामले की बिल्कुल जानकारी नहीं है, कल शाम को ही बाहर से आया हूं। धन्यवाद।
-राजकुमार फत्तावत, अध्यक्ष पोरवाड समाज।
: इस मामले में पुलिस अगर कोताही बरत रही है तो हम उच्चाधिकारियों और भाजपा नेताओं से बात करेंगे। व्यक्ति किसी भी समाज का हो। इस प्रकार कि घटना का न होने देना ही उदयपुर के लिए पर्यटन का बढावा है।
-जिनेन्द्र शास्त्री,प्रदेशाध्यक्ष,अखिल भारतीय जैन युवा फै डरेशन।