उदयपुर। आषाढ़ सुदी बीज के मौके पर रविवार को शहर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली। मंदिर स्थित चारों देवरियों पर ठाकुर जी को बारी-बारी से भोग धराकर ठाकुर जी के पारम्परिक रथ को मंदिर स्थित गर्भगृह में ले जाया गया। इसके पश्चात शाही लवाजमे के साथ ठाकुर जी की प्रतिमाओं को पुजारी परिवार द्वारा 32 सीढ़ियाँ से उतारकर रजत रथ में विराजमान किया गया। यहां पहले से ही हजारों की तादाद में खड़े भक्तों ने भगवान जगदीश के जयकारों से माहौल गूंजायमान कर दिया।
जगदीश चौक में चार बजे 21 बंदूकों की सलामी के बाद पुषप वर्षा के साथ रथयात्रा की शुरूआत हुई। रथयात्रा की रवानगी 4.15 बजे हुई पूर्व राजघराने स संबन्धित महेंद्र सिंह मेवाड़ व भाजपा की जनप्रतिनिधि तथा रथयात्रा समिति के पदाधिकारीयों नए रथ का रस्सा खिंच कर रथयात्रा का शुभारंभ किया जिस्के बंद रथ जगदीश चौक से घण्टाघर, बड़ा बाजार, मोचीवाड़ा, भड़भुजा घाटी, संतोषी माता मंदिर से मार्शल चौराहा, अस्थल मंदिर होकर कर रात ९ बजे करीब आर एम वी रोङ पार पहुँची जहां जगन्नाथ रथयात्रा समिति व आलोक संस्थान के तत्वावधान में ठाकुर जी की विशाल शोभायात्रा को और विशालता प्रदान करने के लिए महाआरती का भव्य आयोजन किया गया जिसमें लगभग 25,000 दीपों से महाआरती की गई।
रथ यात्रा शुरू होने के पहले विभिन्न समाजों ओर संगठनो की करीब ३५ झांकियां रंगनिवास होकर जगदीश चौक पहुंची और फीर रथयात्रा की अगुवाई करते हुए घँटा घर तक आ गयी झाकियों में ओम बन्ना मित्र मण्डल की झांकी, हिन्दू जागरण मंच, ओम श्री सांई भक्त मण्डल, श्री स्वर्णकार ब्राम्हण समाज, आसावरा माता समिति (मोड़ सा.), श्री कुंवर कल्ला जी बावजी समिति, नेहरू जनता बैण्ड, श्री नामदेव छीपा हितकारिणी संस्था, आसावरा माता संस्थान (भोपा जी), शुलधारिणी सेना, श्री कार भोईवाड़ा मित्र मण्डल, श्री क्षत्रिय जीनगर समाज, श्री जगदीश बैण्ड, हिन्दु टाईगर फोर्स, श्री तैलिक साहु युवा सेवक संघ, गायत्री शक्ति पीठ, सेक्टर 7 जगन्नाथ धाम की झांकियां, स्वर्णकार समाज सेवक संघ, कलश वाली महिलाये, गुरू कृपा बैण्ड, मुख्य रथ, ऊँ सांई पालकी इसके साथ ही सांई सेवा समिति गड़िया देवरा की रजत मण्डित झांकी आकर्षण का केन्द्र रही।
रथ यात्रा में हज़ारों कि संख्या मे केसरीया साङी मे महिलाएं आगे ओर पीछे चाल रही थी आगे महिलओं ने माथे पर कलश लिये हुए चल रही थी तथा रथ के पिछे महिलाऐं मंगल गीत गाती हुई चल रही थी। रथ यात्रा की अगुवाई आगे सजे धजे हाथी घोड़े कार रहे थे भीलवाड़ा से ख़ास तौर पर मसक बैंड मँगवाये गया था जो स्वर लहरियाँ बिखेरता हुआ चल रहा था ।
रथ यात्रा का रास्ते भर शहर भार के लोगों ने भावी स्वागत किया जगह जगह पुष्व वर्शा कि गयि ट कै जागाह विभीन्न संगठनों व् भामाशाहो द्वरा आईसक्रिम, पानी, फ्रूटी तथा विभिन्न ख़ाने पिने कि वस्तुओँ का इंतज़ाम किया गया।
रथ यात्रा रात करीब ९ बजे आरएम वी रोड पर पहुंची जहां भव्य रूप से स्वागत किया गया आलोक संसथान व् रथयात्रा समीति की और स २५ हज़ार से अधिक दीपक से महाआरती की गयी। देर रात रंग निवास होकर जगदीश चौक पहुंची जहां महा aarti के साथ रथयात्रा संम्पन्न हुई। रथ यात्रा के दौरान पुलिस का भि खासा बंदोबस्त रहा । ट्रेफिक व्यवस्था के लिए रथयात्रा के सभी मार्गों पर ट्रेफिक रोक दिया गया था तथा पूर्व निर्धारित मार्गों पर डायवर्ट करदिया गया था।
शहर भर में धूम रही जगन्नाथ की सवारी की
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