गाजा में इजरायली सेना और हमास के बीच संघर्ष जारी है। बीते 15 दिनों में इजरायल के हमले में मरने वाले फलस्तीनियों की संख्या लगभग 600 और घायलों की संख्या 3640 के पार जा चुकी है। युद्ध में इजराइल के भी 27 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। इस संकट को खत्म करने के लिए अब तक संघर्ष विराम का कोई संकेत नहीं मिला है। हालांकि, कतर और मिस्र में अंतराष्ट्रीय प्रयास किए जा रहे हैं। चौबीसों घंटे हो रही बमबारी का सबसे ज्यादा असर मासूमों पर हो रहा है। फिलिस्तीन के हालात बेहद नाजुक और दयनीय बने हुए हैं। यहां तक कि अस्पताल में भर्ती घायलों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। बमबारी में कई अस्पतालों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अस्पताल पर हमले करने के पीछे इजरायली सेना ने तर्क दिया है कि हमास अस्पताल की आड़ लेकर हमले कर रहा था। इसलिए, वे अस्पताल पर हमला करने के लिए मजबूर हुए।
फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ इसराइल के सैन्य अभियान के कारण ग़ज़ा में भारी तबाही का मंज़र है. ग़ज़ा से आने वाली तस्वीरों को देखकर कोई भी विचलित हुए बिना नहीं रह सकता. आजकल समाचार चैनलों पर तबाही की ये तस्वीरें आम हैं.
यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है. यह इंसान की बनाई आपदा है जिसकी ज़द में बूढ़े, बच्चे, महिलाएं और नौजवान हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, 2012 में भी ग़ज़ा में ऐसे मंज़र दिखे थे.