मंहगाई की मार से मार्केट नहीं हो रहा गुलजार, होली के सामान हुए दोगुने महंगे
उदयपुर। सोनू इस बार होली में भी अपनी मम्मी से मीठी गुंझिया और मीठे पकवान मंागेगा। हालांकि उसे क्या मालूम कि मंहगाई ने गुंझिया की मिठास फीकी कर दी है। पिछली होली की तुलना में यह होली कुछ महंगी साबित हो रही हैं। लोगों का कहना है कि साल दर साल महंगाई किस कदर बढ़ रही है, इसका अंदाजा इस बार की होली को देखकर लगाया जा सकता है। मलालेदार दहीबड़े और होली पर बनने वाले पकवानों का भी महंगाई ने स्वाद बिगाड़ रखा है। होली के लिए रंग, गुलाल, पापड़, फल आदि सामानों के रेट सुनकर ही शहरवासियों के होश उड़ रहे हैं।
नमकीन पर भी मंहगाई का असर
होली पर बिकने वाले नमकीन खाद पदार्थों के दामों में पिछले साल से १० फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है। इस कारण दुकानदार भी कम बिक्री होने का रोना रो रहे हैं। नमकीन आइटमों में कई कंपनियों ने अपने पापड़ और आलू चिप्स बाजार में उतारे हैं।
महंगाई में फल भी पीछे नहीं
होली पर आने वाले मेहमानों के लिए इस बार प्लेट में फल देखने को कम ही मिल सकते हैं। फल इतने महंगे हो गए हैं कि आम आदमी बात छोडि़ए, अच्छे-खासे लोग भी फल खरीदने से अपनी जेब झांकने को मजबूर हैं।
आसमान छूते जा रहे हैं दाम
होली पर रंगों का हुड़दंग अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन महंगाई हुड़दग मचाने लगी है। आलम यह है कि २९ रुपए किलो बिकने वाली चीनी पांच दिन में ३२ रुपए किलों तक पहुंच गई। इतना ही नहीं घी व तेल भी लगभग १५-१५ रुपए महंगे हो गए। ७६ रुपए किलो बिकने वाला सरसों का तेल अभी से ९० रुपए तक पहुंच गया। मजेदार बात तो यह है कि होली पर बनने वाले पकवानों में सबसे अधिक आटा और मैदा का यूज किया जाता है। आटा भी १८ रुपए से बढ़कर २२ रुपए किलो और मैदा २० से बढ़कर २३ रुपए किलो हो गया है। चना और बेसन १२, किसकिस ५० व काली मिर्च ३० रुपए मंहगी हो गई है।
होली के रंग पर महंगाई की मार
Date: