UdaipurPost. ये जो जल्दी जल्दी अमीर बनने की चाहत है न एक दिन न जाने किस गर्त में धकेल देगी। हर कोई बस एक रेस में लगा है। बस किसी भी तरह रातोरात अमीर होना चाहते है। मेहनत और लगन के दम पर ही जीवन में स्थायी तोर पर कुछ पाया जा सकता है परन्तु लगता है आज के नोजवानो को ये संस्कार देना शायद हम भूल गए हैं। उचे शोक रखने और हाई फाई लाइफस्टाइल का सपना देखने वाले ये युवा अपने इच्छाओ की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकते है।हा किसी भी हद तक ,किसीकी जान ले लेने तक भी और इसी
का उदाहारण सोमवार को एक्सिस बैंक के बाहर घटित हुआ हत्याकांड है। पूरी खबर में आगे बढ़ने से पहले आपको बतादू की अगर आपने अभी तक सीबीसी न्यूज़ को सब्सक्राइब नहीं किया है तो अभी करे और खबर पसंद आने पर लाइक और शेयर ज़रूर करे।अब बढ़ते है खबर की और,,,,,,,, एक्सिस बैंक के पास साेमवार काे तीतरड़ी की अंबामाता घाटी निवासी अमित सांखला की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। ये हैं नागदा रेस्टाेरेंट गली के दिनेश उर्फ विक्की (24) पुत्र गणेश मेघवाल, कालका माता राेड के नवीन उर्फ नानू (22) पुत्र राेशननाथ और घंटाघर क्षेत्र में पुराेहितजी की हवेली निवासी प्रशांत सिंह (29) पुत्र प्रदीप सूद। एसएसपी कैलाश चन्द्र बिश्नाेई ने बताया कि प्रशांत और नवीन ऑनलाइन शाॅपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट के कर्मचारी हैं। इसी कंपनी के 30 लाख 300 रु. जमा करवाने अमित बैंक पहुंचा था। अभियुक्ताें ने पूछताछ में लूट के लिए वारदात करना माना। नवीन और प्रशांत को फ्लिपकार्ट से 7000 रु. प्रति माह मिलते थे। शौक पूरे करने के लिए दोनों बड़ा काम करना चाहते थे। उन्हें मालूम था कि हर साेमवार फ्लिपकार्ट से लाखों रुपए बैंक में जमा कराने अमित ही जाता है। उसे ही निशाना बना लूट की साजिश रची। पिछले साेमवार वे अमित के पीछे लगे और रेकी की। पुलिस से बचने के लिए इस सोमवार प्रशांत ने महिला मित्र काे घुमाने के बहाने दिनेश के दाेस्त से बाइक ली। सूत्रों के अनुसार बाइक चलाने के लिए डेढ़ लाख रुपए का लालच देेकर नानू उर्फ नवीन को साथ लिया गया। कंपनी के 30 लाख 300 रुपए बचाने वाला अमित अपनी ही हत्या का परिवादी और चश्मदीद भी था। अस्पताल में दम तोड़ने से पहले उसने पुलिस को बताया था कि वह मुल्जिमों के नाम तो नहीं जानता, चेहरे पहचानता है। पुलिस ने इसी आधार पर पड़ताल कर फ्लिपकार्ट के 80 कर्मचारियाें का ब्योरा जुटाया। जानकारी में आया कि प्रशांत और नवीन 20 दिन से काम पर नहीं आ रहे। दाेनाें के परिचित तीसरे अारोपी के बारे में पूछताछ की ताे दिनेश का नाम सामने आया। अभियुक्त इस गुमान में थे कि उनकी तो पहचान ही नहीं हुई, इसलिए उन्हाेंने माेबाइल बंद नहीं किए। मंगलवार रात पुलिस काे नवीन के माेबाइल की लाेकेशन शाेभागपुरा की मिली।
स्पेशल टीम के हैड कांस्टेबल विक्रम, कांस्टेबल याेगेश, तपेन्द्र और अनिल कार से पहुंचे। बिजली फिटिंग का काम करते नवीन काे दबाेचा। तभी दिनेश बाइक पर आता दिखा। पुलिस काे देख वह मीरा नगर की तरफ भागा। पुलिस दल ने कार पीछे दौड़ाई। एक किमी दूर दिनेश ने बाइक घुमाई, क्योंकि गैस पाइप लाइन बिछाने के कारण रास्ता बंद था। पुलिस ने कार से टक्कर मारी और दिनेश को
दबोच लिया। इससे पहले साेमवार शाम लाेकेशन ट्रेस कर प्रशांत को प्रतापनगर से गिरफ्तार किया। इन्होंने बाइक से स्टार को पहचान छिपाने के लिए वारदात के बाद हटा दिया था, जो पुलिस के लिए मददगार साबित हुआ।
युवाओ ने कुछ यु की थी वारदात :अभियुक्त दाेस्त से बाइक लाए। रेती स्टैंड से अमित का पीछा किया। दिनेश बाइक चला रहा था। प्रशांत-नवीन पीछे बैठे थे। प्रशांत के पास एक बैग था, जिसमें दाे चाकू थे। एक्सिस बैंक के पास पहुंचते ही प्रशांत और नवीन ने अमित पर चाकू से तड़ातड़ वार कर दिए। प्रशांत के घर से बैग बरामद कर लिया गया है।
लेकिन साथ ही सोचने वाली बात ये भी है की क्या इन कंपनियों पर कोई कार्यवाही नहीं होनी चाहिए? इतनी बड़ी रकम बिना किसी सुरक्षा मानक के इन कर्मचारियों को थमा देते है जिनका पुलिस वेरिफिकेशन तक नही करवाया जाता। अब जब उनके जान पर बन आती है तो आखिर कौन ज़िम्मेदार है?
एसएसपी बिश्नाेई ने बताया कि फ्लिपकार्ट और राइटर सेफ गार्ड (जिसमें अमित काम करता था) बड़ी रकम युवकाें के जरिए भेजते हैं। घटना के बाद सामने आया कि कंपनी के कर्मचारियाें का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं है। साथ ही राशि ले जाने के दाैरान किसी प्रकार के सुरक्षा मानक नहीं मिले। दाेनाें कंपनियाें के खिलाफ जांच की जाएगी।
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