उदयपुर। राजसमन्द जिले में बंगाली श्रमिक अफराजुल की निर्मम हत्या करने वाले आरोपी शम्भूनाथ रेगर की मानसिक हालत जांचने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। जिसमें उदयपुर के एमबी चिकित्सालय के मानसिक रोग विभाग के एचओडी सहित 3 डॉक्टरों को उसमे शामिल किया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को राजसमन्द पुलिस आरोपी शम्भूनाथ रेगर का मेडिकल चेकअप कराने के लिए जोधपुर जेल से उदयपुर के एमबी चिकित्सालय में स्थित मानसिक रोग विभाग पंहुची। इस दौरान शम्भूनाथ रेगर को कड़ी पुलिस की सुरक्षा के बीच मानसिक रोग विभाग में लाया गया । इस मौके पर उदयपुर पुलिस के आलाधिकारी के साथ कई थानो का जाब्ता और एसएचओ अस्पताल परिसर में मौजूद रहे । पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर शम्भू की जांच के दरमियान पूरे अस्पताल परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया। वहीं 3 सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने करीब 45 मिनिट तक शम्भू का मानसिक परीक्षण किया। इसके पश्चात राजसमन्द पुलिस शम्भू को कड़ी सुरक्षा के बीच वापस जोधपुर लेकर रवाना हो गयी। शम्भू की सुरक्षा के लिए पुलिस वेन में राजसमन्द पुलिस की क्विक रेस्पोंस टीम के 10 कमांडो भी हथियार के साथ तैनात थे। एमबी चिकित्सालय के अधीक्षक डॉक्टर विनय जोशी ने कहा की शम्भू का मानसिक चेकअप किया गया है और जिसकी रिपोर्ट आते ही राजसमन्द जिला सेशन न्यायलय में पेश कर दिया जायेगा
। गौरतलब है कि शम्भू के वकील समीर व्यास द्वारा कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र पेश किया गया था जिसमे उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं होने का हवाला दिया गया था। इसी को देखते हुए राजसमन्द कोर्ट ने शम्भू की मानसिक हालत को जांचने के लिए एक कमेटी का गठन कर उसकी मेडिकल जांच के आदेश दिए थे।
क्या था मामला :
सौ फीट रोड राजसमंद में कलक्ट्री के पास 6 दिसंबर को बंगाल के चुनाई ठेकेदार अफराजुल की गेंती से हमला कर शंभूलाल रेगर ने नृशंस हत्या कर दी। आरोपित शंभू ने उसके भांजे से घटना का लाइव वीडियो बनवाया। इसके अलावा हर लवजिहादी का यही हश्र करने की धमकी भरे पांच अन्य वीडियो भी बनाए, जिसे घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। नृशंस हत्या के लाइव वीडियो से लोगों में सनसनी फैल गई। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने दो दिन राजसमंद में इंटरनेट भी बंद कर दिए। उसी सप्ताह राजस्थान ही नहीं, बल्कि देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए।
अफराजुल के हत्यारे शम्भू की मानसिक हालत की जांच हुई, एमबी हॉस्पिटल बना छावनी .
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