फरवरी में छूटे पसीने – दो दिन में तापमान बढ़ा

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उदयपुर | पिछले चार दिन से अचानक बढे तापमान ने सबको हैरानी में दाल दिया है | पिछले तीन दिन से उदयपुर शहर का तापमान 32 डिग्री पार कर रहा है | कल दिन में भी ३२.४ डिग्री दर्ज किया गया | फरवरी के शुरुआत में बढे तापमान को देख मना जारहा है कि २०१५ सबसे गर्म साल घोषित होने वाला है |
फरवरी के शुरुआत में इतनी गर्मी हैरत की बात है मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पिछले सालों का अगर रिकॉर्ड देखे तो १ से १७ फरवरी के बीच कभी उदयपुर का तापमान इतना नहीं रहा | पिछले सालों में ३० डिग्री से ऊपर कभी नहीं गया | और कई बार तो फरवरी के पहले पखवाड़े हलकी हलकी गुनगुनी सर्दी का अहसास होता है | एकाएक हुई इतनी तेज गर्मी को जहां लोग ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव मान रहे हैं तो मौसम वैज्ञानिक इसे पश्चिमी विक्षोभ के कारण बताते हैं। वहीं आज भी बढे हुए तापमान ने दिन में १२ बजे तक ही लोगों को पसीने छुड़वा दिए। सुबह दस बजे ही जहाँ २३ डिग्री तापमान रहा वही दिन चढ़ने के साथ अधिकतम तापमान ३२.५ डिग्री तक पहुंच गया | जबकि गयी रात का न्यूनतम तापमान १३.८ डिग्री रहा |
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान बढ़ेगा जिससे फरवरी में ही साल 2015 की गर्मी शुरू हो जाएगी। अगर विश्व मौसम संगठन का रिकॉर्ड देखे तो 2014 को सबसे गर्म वर्ष घोषित किया था और अब मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 2015 में मौसम का यह रिकॉर्ड टूट सकता है। पिछले वर्षों में फरवरी महीने के पहले दो हफ्तों के मौसम पर नजर डालें तो ३१ डिग्री के पार नहीं गया । पांच साल पहले 2010 में भी गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़े थे। तब फरवरी के पहले हफ्ते अधिकतम तापमान 31डिग्री पार रहा।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हिमालयी क्षेत्रों की बर्फबारी से आने वाली नमी में कमी और कमजाेर पश्चिमी विक्षोभ के कारण फरवरी के शुरुआती दिन ठंडे नहीं रहे हैं। वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ की संभावना खत्म नहीं हुई है। अब पाकिस्तान की सीमा से सटे प्रदेश के हिस्से से होते हुए नमीयुक्त हवाएं पंजाब-हरियाणा का रुख कर रही हैं। इससे प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में कुछ बूंदाबांदी हो सकती है।
अचानक बदलते मौसम को लेकर डॉक्टर सचेत रहने के लिए कह रहे है | डॉक्टरों के अनुसार अचानक मौसम में बदलाव मौसमी बीमारियों को बढ़ाता है | सर्दी खांसी जुखाम बुखार आदि कई बीमारियों के मरीज बढ़ जाते है | बच्चों और बूढ़ों को ख़ास कर सचेत रहना चाहिए | कृषि विशेषज्ञों के अनुसार फरवरी माह के शुरुआत में तापमान बढ़ने से देरी से फसल बोन वाले किसानों को नुक्सान हो सकता है | खासकर गेहूं जो देरी से बोए गए थे, उनमें अचानक बढ़े तापमान से उत्पादन कम हो सकता है |

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