उदयपुर। वेदान्ता समूह की जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक राजस्थान में अपनी भूमिगत खदानों में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ‘रिफ्यूज चैम्बर्स’ लगाये है। रिफ्यूज चैम्बर्स एक मजबूत 6 एमएम की स्टील प्लेट से बना एक चैम्बर है जिसमें कर्मचारियों के लिए ताजा हवा व सुरक्षित जगह मौजूद है। रिफ्यूज चैम्बर्स खदानों में कर्मचारियों को जीवन सुरक्षा प्रदान करने के लिए लगाया गया हैं। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा लगाया गये रिफ्यूज चैम्बर्स में 36 घंटे तक ऑक्सिजन उपलबध है तथा शौचालय की व्यवस्था भी है। इस रिफयूज चेम्बर्स में कार्बन डाइऑक्साइड को अवषोषित करने का उपकरण भी है। ये रिफ्यूज चैम्बर्स वातानुकूलित होते हैं तथा यह आपात स्थिति में सायरन का संकेत देता है। प्राथमिक चिकित्सा किट, स्ट्रेचर और आंखे साफ करने की सुविधा भी उपलब्ध होती हैं। इन रिफ्यूज चैम्बर्स को कार्य क्षेत्र से दूर सुरक्षित स्थानो पर स्थापित किया गया हैं।
रिफ्यूज चैम्बर्स में बिजली आपूर्ति के लिए खदानों में बिजली से जोड रखा है और यदि बिजली आपूर्ति में कभी रूकावट आती है तो इसके लिए बिजली बैटरी बैकअप सिस्टम से यह संचालित रहता हैं। हिन्दुस्तान जिं़क के सभी प्लान्टों में स्वयं के कैप्टिव पावर प्लांटस स्थापित है जिससे निर्बाध बिजली आपूर्ति होती है।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेषन पवन कौशिक ने बताया ‘‘अब तक हिन्दुस्तान जिंक राजस्थान में स्थित अपनी रामपुरा आगुंचा, सिन्देसर खुर्द और कायड़ भूमिगत खदानों में 7 रिफ्यूज चैम्बर्स स्थापित कर चुका है। 4 रिफ्यूज चैम्बर्स रामपुरा आगूचा खदान, भीलवाड़ा में, 2 सिन्देसर खुर्द खदान, राजसमन्द में, एक कायड़ खदान, अजमेर में स्थापित किया गया है। कंपनी अपनी खदानों में 2 और रिफ्यूज चैम्बर्स लगाने की योजना है। इन रिफ्यूज चैम्बर्स में 6 से 20 व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता है। कर्मचारियों को आपात स्थिति के मामलों में इन रिफ्यूज चैम्बर्स का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ज्ञातव्य रहे कि हिन्दुस्तान जिंक भारत में खदान सुरक्षा प्रदान करने के लिए रिफ्यूज चैम्बर्स की स्थापना करने वाली पहली कंपनी है। इस सुरक्षा प्रणाली पर हिन्दुस्तान जिंक 4 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है।’’