हिन्दुस्तान जिंक ने 10,000 शौचालय बनाने का आंकड़ा किया पार

Date:

7 गॉंव हुए पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त – 80 गांवों को शौच मुक्त कराने का लक्ष्य
Maryadaa - Hindustan Zinc Campaign
उदयपुर | हिन्दुस्तान जिंक ने अपने अभियान ‘मर्यादा’ के तहत राजस्थान के उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिलों के दूरदराज गांवों में 10,000 शौचालयों के निर्माण का कार्य पूरा कर लिया है। हिन्दुस्तान ज़िक ने राजस्थान सरकार के साथ मिलकर राजस्थान में 80 गांवों को खुले में शौच से मुक्त के लिए ग्रामीण परिवारों के घरों में 30,000 शौचालयों का निर्माण करने के एक समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे। इन 10,000 शौचालयों के निर्माण के बाद 7 गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। राजस्थान में बनसेन और मटून में स्थित 3 गांव पहले ही निर्मल ग्राम पुरस्कार के लिए चुने जा चुके है।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेषन पवन कौषिक ने बताया कि 10,000 शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 10,000 ग्रामीण परिवारों ने इन शौचालयों का उपयोग भी प्रारम्भ कर दिया है। हिन्दुस्तान जिंक शौचालयों के निर्माण के अतिरिक्त गांववासियों खुले में शौच के कुप्रभाव, घरों में शौचालयों की सुविधा, दूषित जल से होने वाली बीमारियां एवं विषेषतौर पर महिलाओं व बालिकाओं के लिए शौचालय की महत्ता के बारे में भी समझा रहा है।
खुले में शौच करने वाले देशों में भारत की एक बड़ी आबादी शामिल है। यूनिसेफ की रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय ग्रामीण आबादी के केवल 48 प्रतिषत क्षेत्र में स्वच्छ शौचालयों की सुविधा हैं। भारतीय आबादी के 50 प्रतिशत से अधिक खुले में शौच करते हैं। भारत की ग्रामीण आबादी का केवल 21 प्रतिशत हिस्सा स्वच्छ शौचालय की सुविधा का उपयोग करता हैं।
गांवों के घरों में शौचालयों न होने का कुरूप्रभाव महिलाओं पर अधिक पड़ता है। महिलाओं का ख्ुाले में शौच जाना, सुरक्षा, लज्जा एवं मर्यादा का प्रष्न है। अधिकतर ग्रामीण महिलाएं जो खुले में शौच जाती या तो सूर्योदय से पहले जाती है, या सूर्यास्त के बाद। गर्भवती महिलाओं के लिए कठिनाइयां और भी बढ़ जाती है। खुले में शौच जाने से एवं स्वच्छता के अभाव से इन महिलाओं में डायरिया, कोलरा, टायफायड आदि व स्वच्छता से संबंधित अनेकों बीमारियां होने का खतरा लगा रहता है।
बांग्लादेश और ब्राजील जैसे देशों में भी उनकी जनसंख्या का केवल 7 प्रतिशत खुले में शौच करता है। चीन में जनसंख्या का केवल 4 प्रतिशत हिस्सा खुले में शौच करता है।
भारत में विशेष रूप से राजस्थान की आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा खुले में शौच करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार देश में 50 करोड़ से अधिक लोग गटर, नालों एवं झाड़ियों के पीछे खुले में शौच जाते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण जागरूकता की कमी एवं आधारभूत ढांचे का अभाव है। इसमें कोई दो राय नहीं कि ग्रामीण भारत के लिए ये आंकड़े काफी अधिक हैं। परन्तु बड़े शहर और महानगर भी पीछे नहीं हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Find love on the most useful dating apps for asexuals

Find love on the most useful dating apps for...

Tips for meeting and dating other bisexual men

Tips for meeting and dating other bisexual menIf you...

Unleash your passions and enjoy a brand new dating experience

Unleash your passions and enjoy a brand new dating...