जयपुर। नए नियमों के तहत अब देश के किसी भी हिस्से में रहने वाला उपभोक्ता किसी भी अन्य हिस्से में जाकर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के तहत अपने पुराने नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए अगर कोई उपभोक्ता दिल्ली से जयपुर आ रहा है तो वह ग्राहक टेलीकॉम ऑपरेटर बदलकर भी अपने दिल्ली वाले नंबर का इस्तेमाल कर सकता है। पहले यह सुविधा नहीं थी। पहले उपभोक्ता केवल सर्किल के अंदर ही एमएनपी (मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी) का लाभ उठा सकते थे।
मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के लिए आपको यूपीसी (यूनिक पोर्टिंग कोड) की जरूरत होती है। यूनिक पोर्टिंग कोड पाने के लिए आपको सबसे पहले 1900 पर एक एसएमएस करना होता है।
इसके बाद एक के बाद एक करके यह स्टेप अपनाएं
– अपने मोबाइल के मैसेज बॉक्स में जाकर PORT लिखें। फिर स्पेस देकर अपना मोबाइल नंबर लिखें और उसे 1900 पर एसएमएस कर दें।
– मेसेज के जवाब में आपको 1901 से यूनिक पोर्टिंग कोड मिलेगा। यह कोर्ड आठ नंबर का होगा साथ ही, यह करीब 15 दिन बाद एक्सपायरी डेट के साथ होगा।
– आठ नंबर के इस कोड के पहले दो अक्षर अंग्रेजी के एल्फाबेट होते हैं।
– इस यूनिक पोर्टिंग कोड एक्सपायरी डेट से पहले आपको एड्रेस प्रूफ, आइडेंटिटी प्रूफ, पोर्ट साइज फोटो के साथ नए ऑपरेटर के स्टोर पर जाकर पुराने नंबर के साथ नए कनेक्शन का फॉर्म भरना होगा।
– खास बात एक बार नंबर पोर्ट करने के बाद आप 90 दिन से पहले इस ऑपरेटर को नहीं छोड़ सकते हैं।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को लेकर एयरटेल ने अपने एक बयान कहा है कि अगर कोई उपभोक्ता एयरटेल से एयरटेल पर नंबर पोर्ट करना चाहता है तो 24 घंटे के अंदर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
साथ ही नंबर पोर्ट होने की प्रक्रिया तक उपभोक्ता को फ्री रोमिंग की सुविधा दी जाएगी यानि इनकामिंग कॉल फ्री होगी।