पुलिस वालों की मजबूरी है परिवार से दूर रहना त्योहार पर कैंसिल कर दी जाती है छुट्टी
हमारी होली हो या दिवाली अक्सर अपनों के साथ बीतती है, लेकिन कुछ लोग शायद इतने खुशनसीब नहीं होते। त्योहार पर वे हमेशा घर वालों से दूर ही रहते हैं। जाहिर सी बात है कि जब त्योहारों में घरवाले साथ नहीं होंगे, तो उनकी कमी खलेगी ही कौन है ये और ये कैसे मनाते हैं त्योहार, आइए जानते हैं –
उदयपुर। पुलिस डिपार्टमेंट में एक कांस्टेबल विनोद (बदला हुआ नाम) ऐसा भी है, जिसने १४ वर्ष पहले अपने परिवार के साथ होली मनाई थी। जयपुर जिले का रहने वाला कांस्टेबल विनोद इन दिनों उदयपुर शहर के एक थाने में परिवार से दूर रहकर देश व जनता की सेवा कर रहा है। पहले यह कांस्टेबल विनोद भारतीय सेना में था, जहां से सेवानिवत्त होकर पुलिस विभाग में सेवा दे रहे हैं। पुलिस विभाग हो या फौज, विनोद ने नौकरी के बाद एक ही बार अपने परिवार के साथ होली मनाई है। विनोद बताता है कि जब कभी भी ड्यूटी के दौरान दूसरों को फै मिली के साथ त्योहार मनाते देखता हूं, तो उन्हें भी घर की याद आ जाती है और आंखों में आसूं उमड़ आते हैं। ये कहानी सिर्फ पुलिस विभाग की ही नहीं है, बल्कि कई सरकारी ऑफिस में काम करने वाले लोगों की है, जिसमें त्योहारों पर स्टॉफ को छुट्टी नहीं दी जाती।
ड्यूटी पर रहते हैं जवान
पुलिस की नौकरी असेंशियल सर्विसेज में काउंट की जाती है। यही वजह है कि किसी भी पर्व या त्योहार पर इलेक्शन जैसे मौके पर इनकी छुट्टी कैंसिल कर दी जाती है। जब पूरी दुनिया होली के रंग में सरोबार होती है, तो ये पुलिस वाले किसी अनहोनी को रोकने के लिए ड्यूटी पर रहते है।
थानों में ही मनती है होली:
पुलिस वालों को छुट्टी नही मिलती है, फैमिली के साथ होली नहीं मना पाते, लेकिन इस फेस्टिवल को सेलिब्रेट करते जरूर है। इनका होली मनाने का अंदाज कुछ जुदा होता है। कई पुलिस के जवान ऐसे है, जिन्होंने लंबे समय से परिवार के साथ त्योहार नहीं मनाया है। उनकी होली थानों में ही बड़े धूमधाम से मनती है। ड्यूटी आवर के बाद बैरक में होली की ऐसी महफिल जमती है, जिसकी याद लंबे समय तक रहती है।
नहीं मना पाते कोई भी त्योहार
ऐसा नहीं है कि फेस्टिवल में अपनों के संग होली सिर्फ पुलिस सॢवस में भी नहीं है। साथ ही कई ऐसे विभाग है, जिनमें होली परिवार से दूर ही मनाई जाती है। जिसमें मुख्य रूप से एक रेलवे का भी जिक्र होता है। जिनके कर्मचारी होली फैमिली के साथ नहीं मना पाते हैं। रेलवे के लोको रनिंग स्टॉफ के कर्मचारी, इंजन ड्राइवर, गार्ड, टीटी आते हैं। इन्हीं में से एक ने बताया कि हमें तो बीमार होना भी मना है। त्योहार पर पुलिस, रेलवे व डाक्टरों के लिए क्रनो सीक लीवञ्ज का नोटिस लगा दिया जाता है। वे बताते हैं कि उनकी होली चलती ट्रेन में ही मनती है।
:आम जनता शांतिपूर्वक होली मना ले, यही पुलिस की भी होली है और यहीं पुलिस का परिवार भी है। त्योहारों पर शहर में शांति होना ही पुलिस का खास फोकस है।
-अजयपाल लांबा (एसपी, उदयपुर)
‘ होली है, पर होली-डे नही!
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