उदयपुर. होली पर इस बार हर्बल और खुशबू वाली गुलाल की खूब खरीदारी हो रही है। त्वचा को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए शहरवासियों व व्यापारियों ने पक्के व केमिकल वाले रंग से दूरियां बना ली है। शहर के प्रमुख स्थानों पर लगने वाली स्टॉल्स पर भी पक्का रंग बहुत कम ही बिकता नजर आ रहा है। अधिकांश स्टॉल्स पर गुलाल ही बेची जा रही है।
अलग-अलग खुशबू वाली गुलाल है खास : इस बार खास तौर पर अलग-अगल खुशबू वाली सेंटेड गुलाल की मांग ज्यादा है, बाजार में इसके कई फ्लेवर उपलब्ध हैं। होलसेल व्यापारी पराग कस्तूरी ने बताया कि होली पर अब अधिकांश व्यापारी व आमजन अच्छी क्वालिटी वाली गुलाल की मांग करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए खुशबू वाली गुलाल मंगाई गई है, जो 8 रंग में गुलाब, केवड़ा आदि खुशबू में उपलब्ध है। गुलाल के उत्पादों में आरा रोट, गणेश नं. 1, कमल ब्रांड मखमली गुलाल शामिल है, यह 20 से 100 रुपए किलो तक में उपलब्ध है।
पक्के रंगों की मांग आधी
व्यापारी दीपक जैन ने बताया कि साल-दर साल पक्के रंग की मांग कम होती जा रही है। इस बार तो इनकी मांग पिछले साल से आधी रह गई है। अब तो गांव में भी यह नहीं बिक रहा है। खरीदारी कम होने का कारण इन रंगों से त्वचा संबंधी रोग होना माना जा रहा है।जो बाद में उभरकर सामने आती है।
इस बार 10 से 20 प्रतिशत दाम अधिक : मालभाड़ा और मजदूरी बढऩे के कारण इस बार गुलाल के भाव 15 से 20 प्रतिशत अधिक हैं। पिछले साल 10 में रुपए बिकने वाला पैकेट इस बार 12 से 15 रुपए में बिक रहा है। वहीं हर्बल गुलाल का 100 ग्राम का पैकेट 25 से बढ़कर 30 रुपए हो गया है।
वन विभाग ने बनाई 10 क्विंटल हर्बल गुलाल
होली को ध्यान में रखते हुए इस बार वन विभाग द्वारा 10 क्विंटल हर्बल गुलाल बनाई गई है। जो पिछले साल की तुलना में 2 क्विंटल अधिक है। वनपाल फिरोज हुसैन ने बताया कि विभाग द्वारा दिल्ली और अहमदाबाद में भी हर्बल गुलाल भेजी गई है। उदयपुर शहर में बुधवार से कार्यालय में हर्बल गुलाल की ब्रिक्री शुरू की जाएगी। हर्बल गुलाल का दाम इस बार 120 रुपए प्रतिकिलो रखा गया है। हर्बल गुलाल रंग ए पलाश, रंग ए गुलाब, रंग ए अमलताश और रंग ए हरियाली में उपलब्ध है।