एपिरोक राॅक ड्रिल एबी के साथ किया एमओयू, माइनिंग में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने वाली हिंदुस्तान जिं़क पहली कंपनी होगी
उदयपुर। कार्पोरेट जगत में सामाजिक व पर्यावरण क्षेत्र में अहम जिम्मेदारी निभाने और स्मार्ट तकनीकों को अपनाने में अग्रणी हिंदुस्तान जिं़क लिमिटेड भूमिगत खनन यानी अंडर ग्राउंड माइनिंग में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने जा रही है। इसके लिए कंपनी ने कार्बन उत्सर्जन को जीरो लेवल तक पहुंचाने और सस्टेनेबल माइनिंग के लिए एपिरोक के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसा करने वाली हिंदुस्तान जिंक पहली कंपनी होगी। ये बैटरी चलित वाहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेंगे, जिससे खदान संचालन अधिक पर्यावरण के अनुकूल हो जाएगा।
दुनियाभर में औद्योगिक गतिविधियां तेजी से स्थायी भागीदारी बनाने की ओर बढ़ रही हैं जो व्यापार दक्षता और विशेषज्ञता लाती हैं। किसी भी साझेदारी के सफल होने के लिए समान मूल्यों को साझा करना अनिवार्य है और हिंदुस्तान जिंक के साथ साथ एपिरोक इंडिया दोनों ही संचालन में सुरक्षा और स्थिरता, नवाचार और प्रौद्योगिकी के मूल्यों को साझा करने जा रहे हैं। एमओयू पर टिप्पणी करते हुए हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरूण मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक में हम स्मार्ट सेफ और सस्टेनेबल आॅपरेंशस के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मानते हैं कि एक लीडर के रूप में स्थिरता को अपनाने और सस्टेनेबिलिटी को हम एक दिशा देंगे जिससे और भी उद्योग पे्ररणा लेंगे। एपिरोक के साथ यह समझौता हमे और जिम्मेदार खनन के लिए प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। 2025 तक कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में हमारे प्रयास जारी हैं।
एपिरोक इंडिया के मेनेजिंग डायरेक्टर जेरी एंडरसन ने इस मौके पर कहा कि सुरक्षित और स्वच्छ एवं स्वस्थ खनन के लिए एक कदम उठाना जरूरी है। एपिरोक इस क्षेत्र में और बेहतर करना चाहता है। हिंदुस्तान जिंक के साथ सुरक्षित और सतत् खनन अभियान में हमारी यात्रा का पहला कदम है। आने वाला समय इलेक्ट्रिक का है और इस तरह तकनीक से स्मार्ट संचालन में हम सबसे आगे होंगे। यह तकनीकी कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा और दूसरी ओर विकसित डिजाइन के साथ उत्पादकता को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि कार्पोरेट लीडर के रूप में कंपनी कार्बन फुटप्रिंट पर अंकुश लगाने के लिए विज्ञान आधारित लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में हिन्दुस्तान जिं़क प्रतिष्ठित सीडीपी लिस्ट का हिस्सा है एवं द डाॅउ जांेस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स 2020 की लिस्ट में एशिया पेसिफिक में प्रथम और विश्व में सातवें स्थान पर है।