वर्ष 2016-17 में कुल 27,157 करोड़ रुपये के लाभांष का भुगतान
जो भारतीय कंपनियों के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक
कंपनी ने 1375ः विषेष लाभांश की घोषणा
अप्रेल 2016 में स्वर्ण जयन्ती लाभांष एवं अक्टूबर 2016 में अंतरिम लाभांष के साथ वर्ष 2016-17 में भारत में सबसे अधिक लाभांष का भुगतान करने वाली कंपनी
वर्ष 2016-17 में 11,259 करोड़ रुपये सरकार के खाते में जाएंगे।
उदयपुर। हिन्दुस्तान ज़िंक के निदेशक मण्डल ने कंपनी के शेयरधारकों को 1375 प्रतिशत लाभांश देने की घोषणा की है जो 2 रूपये के प्रति इक्विटी शेयर पर 27 रुपये 50 पैसे है। हिन्दुस्तान जिंक भारत में सबसे अधिक विषेष लाभांष देने वाली कंपनी है। लाभांष रिकाॅर्ड तिथि 30 मार्च, 2017 है। आज घोषित विषेष लाभांष की राषि 13,985 करोड़ रु. है जिसमें लाभांष टेक्स भी सम्मिलित है।
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अपे्रल 2016 में स्वर्ण जयन्ती लाभांष एवं अक्टूबर 2016 में अंतरिम लाभांष के साथ वर्ष 2016-17 में कुल लाभांष 27,157 करोड़ होगा जो भारत में किसी भी निजी कंपनी द्वारा किये जाने वाले लाभांष भुगतान में सबसे अधिक है। इस प्रकार 11,259 करोड़ रुपये सरकार के खाते में जाएंगे।
‘‘हिन्दुस्तान जिंक के चेयरमैन श्री अग्निवेष अग्रवाल जी ने बताया कि शेयरधारियों को विषेष लाभांष का तोफा दिया जा रहा है जो कंपनी के प्रति बेहतर निष्पादन के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें खुषी है कि हिन्दुस्तान जिं़क 2002 में विनिवेष के पष्चात् शेयरधारकों को लगातार लाभांष दिया है जिसमें टेक्स सहित 37,517 करोड़ रुपये है। हिन्दुस्तान जिं़क सदैव शेयरधारियों के बेहतर निष्पादन के लिए कटिबद्ध हैं।’’
‘‘हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुनील दुग्गल ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक की सभी विस्तार योजनाएं सुचारू रूप से प्रगति पर है। कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में तत्पर है।’’
हिन्दुस्तान ज़िंक भारत का एकमात्र एवं विष्व का एकीकृत जस्ता एवं सीसा उत्पादक तथा अग्रणीय चांदी उत्पादक कंपनी है। हिन्दुस्तान जिं़क का प्रधान कार्यालय उदयपुर में, राजस्थान में रामपुरा आगुचा, सिन्देसर खुर्द, जावर, राजपुरा दरीबा एवं कायड़ में खदानंे स्थित है तथा राजस्थान में ही दरीबा, चन्देरिया एवं देबारी में कंपनी के स्मेल्टर्स स्थित है तथा उतराखण्ड राज्य में भी कंपनी के प्लांट स्थित है।
हिन्दुस्तान ज़िंक के पास 389.9 मिलियन टन संसाधन एवं भण्डार मौजूद है जिसमें उच्च ग्रेड रिजर्व औसतन 11.7 प्रतिषत जस्ता-सीसा मौजूद है। कंपनी 2003 से लगातार संसाधनों एवं भण्डारों का विकास कर रही है तथा खदानों की 25 वर्ष की आयु है।
हिन्दुस्तान जिं़क ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए कोयले पर आधारित 474 मेगावाट के कैप्टिव पावर स्थापना की है। इसके अतिरिक्त कंपनी के पास, 309 मेगावाट ग्रीन पावर, 274 मेगावाट पवन ऊर्जा सहित 35 मेगावाट वेस्ट हीट पावर मौजूद है। ज्ञातव्य रहे कि कंपनी के पास 17,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।