हिंदुस्तान जिंक ने सीडीपी के माध्यम से पर्यावरणीय पारदर्शिता और प्रतिबद्धता को दोहराया

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Udaipur. हिन्दुस्तान जिं़क ने विष्व के प्रमुख पर्यावरणीय प्रभाव को दर्षाने वाले मंच सीडीपी के माध्यम से पर्यावरण प्रभाव के प्रति पारदर्षिता से अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। हिन्दुस्तान जिं़क ने सीडीपी के माध्यम से वर्ष 2011 से 2020 के अंत तक को दर्षाते हुए 2020 के लिए जलवायु परिवर्तन, जल प्रबंधन और वन क्षेत्र से संबंधित प्रश्नावली को पूरा किया है।

सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरण हिंदुस्तान जिंक के लिए प्रमुखता में हैं, और कंपनी का लक्ष्य इसके लिए श्रेष्ठ तकनीक को अपनाना और लागू करना है। भारत में ग्रीन माइनिंग के अग्रणी उद्योग के रूप में, हिंदुस्तान जिंक कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और स्थायी परिचालन के बढ़ते उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
2020 में, 515 निवेशकों ने यूएस 106 ट्रिलियन के साथ संपत्ति और 150 से अधिक बड़े खरीदारों ने यूएस 4 ट्रिलियन से अधिक खर्च के साथ हजारों कंपनियों से सीडीपी के माध्यम से अपने पर्यावरण डेटा प्रदर्शित करने का अनुरोध किया। अपने जलवायु परिवर्तन, वन क्षेत्र और जल सुरक्षा प्रश्नावली के पूरा होने के माध्यम से प्रदर्षित करने के लिए सीडीपी के वार्षिक अनुरोध को पूरा करके, हिंदुस्तान जिंक एक संपन्न, स्थायी भविष्य की दिशा में प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शिता और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को दर्षाता है।

हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि “सस्टेनिबिलिटी हिंदुस्तान जिंक की बुनियाद है हम व्यापारिक संचालन और उत्पादन के साथ ही पर्यावण सरंक्षण के लिए
श्रेष्ठ तकनीक को अपनाते है। सीडीपी के माध्यम से हमारे पर्यावरणीय प्रभाव को दर्षाना कंपनी की प्रगति और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और हम दीर्घकालिक सतत विकास के अपने प्रयासों के साथ जारी रखेंगे।”

सीडीपी कॉरपोरेशन एंड सप्लाई चेन के ग्लोबल डायरेक्टर,डेक्सटर गाल्विन, ने कहा कि “एक स्थायी अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लिए निजी क्षेत्र की बहुत बड़ी भूमिका है, और कंपनियों के लिए पहला आवश्यक कदम उनके वर्तमान पर्यावरणीय प्रभावों के आसपास पारदर्शी होना है। हिंदुस्तान जिंक उन कंपनियों का एक महत्वपूर्ण समूह है जो सालाना सीडीपी के माध्यम से अपने हितधारकों को अपने पर्यावरण डेटा को दर्षा रहे हैं। दर्षाने की प्रक्रिया उन्हें पारदर्शिता के माध्यम से विश्वास का निर्माण करने, जोखिमों और अवसरों को प्रकट करने, उनकी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बढ़ावा देने और उनके पर्यावरणीय लक्ष्यों के प्रति प्रगति को ट्रैक करने में सहायता कर रही है। उनका मानना है कि हिन्दुस्तान जिं़क इससे स्थिरता यात्रा पर आगे बढ़ता रहेगा। ”

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