उदयपुर। भारत की कन्फेडरेषन ऑफ इण्डियन इण्डस्ट्री (सी.आई.आई) ने हिन्दुस्तान ज़िंक की इकाई दरीबा स्मेल्टर कॉम्पलेक्स ’नोटवर्दी वाटर एफिषिएन्ट यूनिट’ की श्रेणी में उत्कृष्ट जल प्रबन्धन के लिए ‘नेषनल अवार्ड-2016’ से सम्मानित किया। यह राष्ट्रीय पुरस्कार हिन्दुस्तान जिंक को बीएआरसी के सदस्य एवं नेषनल अवार्ड फॉर एक्सीलेन्स इन वाटर मैनेजमेट ज्यूरी के अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोडकर ने सी.आई.आई. द्वारा होटल ली मेरीडियन दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया।
यह सम्मान हिन्दुस्तान जिंक की ओर से मनोज अग्रवाल, सह-महाप्रबन्धक-सी.पी.पी., अंकित मिश्रा, एसोसिएट मैनेजर-एनवायरमेंट एण्ड रोहित विजय, एसोसिएट मैनेजर-एसेट ऑप्टिमाइजेषन ने ग्रहण किया।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कोर्पोरेट कम्यूनिकेषन पवन कौषिक ने कहा कि यह पुरस्कार हिन्दुस्तान जिंक के दरीबा स्मेल्टर कॉम्पलेक्स द्वारा एक्सीलेन्स वाटर मैनेजमेंट एवं अधुनातन नवाचार के साथ-साथ स्वस्थ एवं स्वच्छ वातावारण हेतु उठाये गये प्रभावी उपायों की मान्यता है।
ज्ञातव्य रहे कि इस पुरस्कार के लिए 75 उद्योगों ने आवेदन किया था जिनमें से 21 उद्योगों का ड्यू डिलिजेन्स एवं प्रजेन्टषन के आधार पर चयन किया गया।
हिन्दुस्तान जिंक अपने नवाचारों से वर्ष 2011 से 2016 के दौरान क्लाउड सीडिंग, ऐडियाबैटिक कूलिंग टावर, कई प्रभावी वाष्पीकरण, डीप कोन थिकनर, एयर कूल्ड कन्डीषनर, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग से पानी की खपत में 16 प्रतिषत की कमी लाया है। हिन्दुस्तान जिं़क का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जो राजस्थान की पहली सतत् विकास परियोजना है प्रतिदिन 20 मिलियन टन मल का उपचार कर रहा है जिससे उदयपुर की झीलों में मल का प्रवाह कम होने लगा है तथा झीलों की सुन्दरता में भी प्रभाव दिखने लगा है।
हिन्दुस्तान जिंक को वाटर मैनेजमेंट के क्षेत्र में ‘नेशनल अवार्ड’
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