जालंधर-होशियारपुर रोड पर जौहलां के पास गांव बोलीना स्थित एक धार्मिक डेरे के हैड ग्रंथी ने अपनी विधवा भाभी की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद ग्रंथी ने शव डेरे के पास ही गटर में फेंक दिया। महिला तीन दिन से लापता थी और उसकी बहन ने ग्रंथी जेठ पर ही हत्या का शक जताया था। थाना आठ पुलिस ग्रंथी के पास पहुंची तो उसने खुद ही अपना गुनाह कबूल कर लिया। सोमवार को पुलिस ने उसके बताने पर गटर से लाश निकलवाई। मृतका ने सिर्फ अंडर गारमेंट्स ही पहने थे।
ग्रंथी ने कहा कि उसके भाई की छह महीने पहले मौत हुई थी और उसके लिए भाभी ही जिम्मेदार थी। उसका दो युवकों के साथ प्रेम प्रसंग था। उसी ने भाई को शराब में जहर दिया। इसी बात का उसने बदला लिया और उसे मार दिया। पुलिस ने आरोपी ज्ञानी महिंदर सिंह (55) को गिरफ्तार कर उस पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है जबकि मृतका कमलप्रीत कौर (30) के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा है।
मृतका की बहन रणजीत कौर ने बताया कि उसके पिता इकबाल सिंह दुबई रहते हैं। वह दो बहनें हैं। बड़ी बहन कमलप्रीत की 13 साल पहले शादी हुई थी, जिससे उसके दो बेटियां हैं। उसका जीजा गुरमीत सिंह लम्मा पिंड चौक के पास राजा भंगड़ा ग्रुप चलाता था। 23 अक्टूबर, 2013 को वह शराब पीकर आया था, जिसके बाद सुबह उसकी मौत हो गई थी। उस मौत के लिए उसका बड़ा भाई ज्ञानी महिंदर सिंह ही जिम्मेदार था। वह उसका पृथ्वी नगर वाला मकान हड़पना चाहता था। चार अप्रैल की सुबह करीब 12 बजे उसने फोन किया और उसकर बहन को डेरे पर बुलाया। इसके बाद से उसके दोनों मोबाइल स्विच ऑफ हो गए।
ज्ञानी महिंदर सिंह ने एडीसीपी नरेश कुमार डोगरा व मीडिया के सामने गुनाह कबूला। उसने बताया कि 23 अक्टूबर को भाई ने चिक-चिक चौक से चिकन व बीयर ली। घर बैठकर उसने बीयर पी और सो गया। सुबह उसकी मौत हो गई। पहले भाभी ने कहा कि गुरमीत साथ वाले बेडरूम में था, जिस कारण उसे पता नहीं चला। फिर बोली-गुरमीत उसके साथ ही बेड पर था। तीसरी बार कहा कि वह सो गई थी। उसे नहीं पता कि वह कब आया। उसने बताया कि इसी बात से उसे शक पड़ा। लोगों ने भी बताया था कि उसकी भाभी के एक शादीशुदा और एक कुंवारे लड़के के साथ संबंध हैं। उसने तब पुलिस को सूचना नहीं दी, चूंकि उसके पहले भाई भी मर चुके थे। वह खुद बदला लेना चाहता था। उसने तब से भाभी पर नजर रखी। कई बार भाभी के घर पर दोनों युवकों को अलग-अलग समय पर आते देखा। दो-दो घंटे युवक वहां रहते थे। फिर उसने पैसों का लालच देने वाला प्लान बनाया। भाभी को झांसा दिया कि किसी ने भाई के डेढ़ लाख रुपए देने हैं। कुछ दिन पहले अपने पास बुलाया। तभी भी एक युवक साथ आया था। शक यकीन में बदल गया कि भाभी के युवकों के साथ संबंध हैं।
मृतका की बहन रणजीत कौर ने बताया कि उसके पिता इकबाल सिंह दुबई में रहते हैं। वह दो बहनें हैं। बड़ी बहन कमलप्रीत की 13 साल पहले शादी हुई थी। उसकी दो बेटियां हैं। उसका जीजा गुरमीत सिंह लम्मा पिंड चौक के पास राजा भंगड़ा ग्रुप चलाता था। 23 अक्टूबर, 2013 को वह शराब पीकर आया था। इसके बाद सुबह उसकी मौत हो गई थी। उस मौत के लिए उसका बड़ा भाई ज्ञानी महिंदर सिंह ही जिम्मेदार था। उसी ने शराब में उसे कुछ मिलाकर पिलाया था, चूंकि वह उसका पृथ्वी नगर वाला मकान हड़पना चाहता था। कुछ महीने से वह बहन कमलप्रीत को फोन करके कह रहा था कि गुरमीत ने गांव के एक व्यक्ति से डेढ़ लाख रुपए लेने थे। वह व्यक्ति उसके पास आया है और वह पैसे लौटाना चाहता है। वह तीन किस्तों में पैसे देगा और उसे तीन हजार रुपए कमीशन देनी होगी। उसने बताया कि बहन उसकी बातों में आ गई। कुछ दिन पहले उसने उसे डेरे बुलाया। फिर वापस भेज दिया। चार अप्रैल की सुबह करीब 12 बजे उसने फोन किया और डेरे बुलाया। कुछ ही देर में ग्रंथी का बेटा गगनप्रीत आ गया और बहन को साथ ले गया। उसके बाद से उसके दोनों मोबाइल स्विच ऑफ हो गए। शाम को एक मोबाइल फगवाड़ा जाती बस से किसी यात्री को मिला और दूसरा मोबाइल एलपीयू स्टूडेंट को। रात तक बहन घर नहीं लौटी तो पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने ग्रंथी पर ट्रैप लगाया, लेकिन वह डेरे पर नहीं मिला। सोमवार सुबह वह पुलिस के हत्थे चढ़ा, जिसके बाद उसने खुलासा किया कि उसने हत्या कर शव गटर में फेंक दिया है। रणजीत कौर ने आरोप लगाया कि गुरमीत उसके जीजा का साढ़े चार माले का मकान हड़पना चाहता था, जिस कारण उसने ऐसा किया। जीजा के बाकी भाई पहले ही मर चुके हैं।
गिरफ्तारी से पहले मांगी माथा टेकने की इजाजत
महिंदर सिंह ने कहा कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है, बल्कि उसके मन से एक बोझ हल्का हुआ। जब पुलिस उसे थाने गिरफ्तार कर ले जाने लगी तो उसने डेरे पर माथा टेकने की इजाजत मांगी। पुलिस के हां करने पर उसने माथा टेका और फिर चुपचाप गाड़ी में बैठ गया। वे दो युवक भी मौके पर थे, जिन पर वह भाभी के संबंधों का शक जता रहा था। वहां उसने पुलिस के सामने धमकी दी कि बाहर निकलने के बाद अब उनकी बारी है। पुलिस ने उसे दबका मारा, जिस पर वह चुप कर गया।
प्रेमिका नहीं, बहन जैसी थी कमलप्रीत : सत्ती
सतनाम सिंह सत्ती ने बताया कि गुरमीत उसके भाई जैसा था। उसकी मौत के बाद उसी ने भंगड़ा ग्रुप संभाला और हर महीने कमलप्रीत को पैसे देता था, ताकि वह बच्चे को पाल सके। वह उसे बहन मानता था। इसके अलावा कोई और संबंध नहीं था। इसी तरह प्रिंस को भी वह भाई मानती थी। वह जानबूझ कर प्रेम संबंधों वाली कहानी बना रहा है। उसका मुख्य मकसद जमीन हड़पना था। वह धमकियां भी देता था कि उसके नाम जमीन कर दो, नहीं तो मार दूंगा। प्रिंस ने भी सत्ती की बातें ही दोहराई। एडीसीपी नरेश कुमार डोगरा का कहना है कि हत्या में फिलहाल महिंदर सिंह की ही भूमिका है। चूंकि महिंदर का कहना था कि कमलप्रीत अकेले उसके पास डेरे आई थी। उसका बेटा लेने नहीं गया था। पुलिस उसकी एक्टिवा के बारे में भी पता लगवा रहा है।