उदयपुर। पटेल नवनिर्वाण सेना के संयोजक और गुजरात में पाटीदार आरक्षण के लिये आन्दोलनरत हार्दिक पटेल 6 महिने बाद अब मंगलवार को अपनी तड़ीपारी की अवधी पूरी कर उदयपुर से गुजरात के लिये रवाना होंगे। जाने के पहले उन्होंने अपने अस्थाई निवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देते हुए भेड़िये से तुलना कर दी। हार्दिक पटेल इसके पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के खिलाफ भी विवाधित बयान देचुके है और खुद के इनकाउंटर होने की आशंका भी जताई है।
हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य से छह महीने के लिए राज्यबदर कर दिया था इस छह महीने की अवधी में वह उदयपुर ही रहे और छह महीने का कार्यकाल विवादित भी रहा। कभी टोल नाका वालों से झगड़े का मामला तो कभी शहर से बाहर जाने को लेकर पुलिस की सख्ती। छह माह तक पुलिस ने एक तरह से प्रताप नगर स्थित उनके अस्थाई निवास के बाहर अस्थाई चोकी भी बना डाली थी और सीसी टीवी कमर तक लगा दिए थे जिससे हर आने जाने वाले पर नज़र रखी जा सके।
गुजरात लोटने के एक दिन पहले हार्दिक पटेल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजस्थान की मेहमाननवाजी की जमकर तारिफ की। हार्दिक ने कहा कि पिछले छ: महिनों में राजस्थान की जनता ने उनका पुरा सहयोग किया और यही वजह रही कि वे असैवाधिनीक रूपसे कसी गई प्रशासनिक नकेल के बावजुद सुरक्षित रूप से गुजरात जा रहे है। हार्दिक ने कहा कि गुजरात सरकार पिछले 15 महिनों से सिर्फ बातचित कर रही हैं और इसके बिच सरकार पाटीदारों को बॉंटने की कोशिश में जुटी हैं लेकिन अपने हक की लडाई लड रहे पाटीदारों को तोडना इस सरकार के बस की बात नहीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चरखे को लेकर उपजे विवाद पर हार्दिक ने विवादीत बयान देते हुए प्रधानमंत्री की तुलना भेड़िये से की और महात्मा गांधी को शेर बताया। हार्दिक ने कहा कि शेर का मुखटा पहन लेने से भेड़िया शेर नहीं बन जाता ऐसे ही किसी के चरखा चला लेने से कोई महात्मा गांधी नहीं बन जाता। हार्दिक ने कहा कि पूजते तो नाथूराम गोडसे को हो और महात्मा गाँधी का चरखा चलाते हो। इस दौरान गुजरात दंगों का भी जिक्र करते हुए हार्दिक ने प्रधानमंत्री मोदी के संस्कारों को महात्मा गांधी के संस्कारों से बिल्कुल अलग बताया।
भेड़िया शेर का मास्क पहनने से शेर नही बन जाता, ऐसे ही कोई चरखा चलाने से महात्मा गाँधी नहीं बन जाता – हार्दिक
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