उदयपुर. गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के कमांडर हार्दिक पटेल को राजद्रोह की सजा के तहत उसकी कानूनी हद समझाने के लिए उदयपुर रेंज के आईजी और जिला पुलिस अधीक्षक ने बुधवार को तलब किया। दोनों अफसरों ने हार्दिक को गुजरात हाईकोर्ट का सशर्त आदेश बताकर कहा कि वह अपने अस्थायी प्रवास से बाहर आ-जा नहीं सकते हैं। यह भी गौरतलब हे कि हार्दिक का प्रवास प्रदेश के गृहमंत्री के गृहक्षेत्र में है।
खुद हार्दिक ने अफसरों की मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि उसे अस्थायी प्रवास से बाहर आने-जाने के लिए मना किया गया है। इस बारे में अफसरों ने हार्दिक को हाईकोर्ट से सशर्त आदेश की पालना करने के लिए पाबंद किया है। हार्दिक का कहना है कि उसे गुजरात में जाने से अदालत ने मना किया है लेकिन अपने अस्थायी प्रवास से बाहर निकलने के लिए कोई पाबंदी नहीं है। इस बारे में हार्दिक अपने वकील से कानूनी राय भी लेंगे।
छेड़ रखी है आंदोलन की बात
हार्दिक जब से उदयपुर में आया है तब से जनजाति उपयोजना क्षेत्र में ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिलाने की मांग प्रबल हुई है। जबकि डांगी पटेल समाज ने आरक्षण की मांग उठाते हुए इस बारे में हार्दिक से भी आंदोलन में खुला समर्थन मांगा है। जबकि गुर्जर आरक्षण आंदोलन के अगुवा नेता भी हार्दिक को लेकर गुजरात से उदयपुर आए थे और राजस्थान में भरतपुर, बयाना, करौली आदि जिलों का दौरा कराने के बाद भी खुले मंच से कह चुके हैं।
बुधवार को ही अपना जन्मदिन मनाने के लिए गुर्जर बाहुल्य इलाके नाथद्वारा गए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पुलिस के लिए यह एक नया काम शुरू हो गया है कि हार्दिक पर कड़ी नजर रखी जाए।