हज मुकम्मल, अब 40 नमाज के लिए मदीना पहुंचेंगे हाजी

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नमाज में मांगी जाएगी अमन चैन की दुआ, 13 सितम्बर से लौटेंगे वतन

Udaipur. इस्लाम धर्म के पांच अरकान में से एक यानि Hajj saudi arabia के मिना में चल रहा है, दुनियाभर से करीब 50 लाख हज यात्री Hajj पर गए है। Indian Muslim  के साथ  Rajasthan muslim hajj yaatri भी इस बार करीब साढ़े पांच हजार यात्री इस मुकद्दस सफर है और इन सभी हज यात्रियों का हज-2018 मुकम्मल यानि हज पूरा हो गया है। आईए आपको बताते है इस पूरे हज सफर के वो पांच दिन जिनमें हज की रस्में रिवायतें पूरी करने के बाद ही हज मुकम्मल माना जाता है।
ऐसे मुकम्मल हुआ Hajj

पहला दिन 18 अगस्त :सभी हज यात्री ehram बांधकर मिना शहर पहुंचे और यहां जुहर, असर, मगरीब और इशा की नमाज अदा कर रात यहीं पर गुजारी।
दूसरा दिन 19 अगस्त : मिना में सुबह फज् की नमाज पढ़कर जुहर की नमाज के लिए अराफात रवाना हुए। हज सफर का यह सबसे खास दिन माना जाता है। यहां अराफात के मैदान में पहुंचकर जुहर और असर की नमाज पढ़ी गई। सभी हज यात्रियों को दिन ढलने से पहले अराफात छोड़कर मुजदलफा रवाना हुए। मुजदलफा में इशा की नमाज पढ़कर खुले आसमान में सोए। अगले दिन शैतान को पत्थर मारने की रस्म पूरी करने के लिए Hajj यात्रियों ने कंकर चुने।
तीसरा दिन 20 अगस्त : मुजदलफा में फज् की नमाज अदा कर मीना के जमरात पहुंचे और यहां शैतान रूपी स्तंभ को सात-सात कंकर मारे गए। इस रस्म के बाद अहराम की पाबंदी हट जाती है।
चौथा दिन 21 अगस्त : शैतान को कंकर मारने की परम्परा तीन दिन तक चलती है, इसमें दूसरे दिन छोटे-बड़े शैतान को कंकर मारे गए और रात मिना में ही गुजारी।
पांचवां दिन 22 दिन : कंकर मारने की रस्म के तीसरे दिन तीनों शैतानों को एक साथ कंकर मारे जाते है और इसके बाद शाम ढ़लने से पहले हज यात्री मक्का के लिए रवाना हो गए। इसके बाद कुर्बानी दी गई। सउदी सरकार की तरफ से हज यात्रियों द्वारा कुर्बानी की रस्म पूरी करने के लिए अलग-अलग स्लॉटर बनाए गए है, जहां हज यात्री कुछ रकम अदा कर अपने पसंद के जानवर बकरा, मेंड़ा, दुम्बा या ऊंट की कुर्बानी दी जाती है। इसके बाद हज यात्री सिर मुंडवाकर मक्का की जियारत शुरू करते है। हज पूरा करने के बाद सभी हज यात्री चालीस नमाज के लिए 3 सितम्बर से मदीना जाएंगे।
हज पर जाने से पहले सभी हाजियों ने मनाया स्वतंत्रता दिवस
अजीजिया बिल्डिंग में ठहरे हुए है जहां उनके साथ प्रदेश के अलग-अलग शहरों के 386 हज यात्री है। 18 अगस्त को हज के पांच दिन के सफर पर जाने से पहले सभी हज यात्रियों ने यहां 15 अगस्त को तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाया। सभी हज यात्रियों ने अल्लाह की इबादत के दौरान अमन चैन और भाईचारे की दुआएं मांगी।
पहली फ्लाइट सुबह 6 बजे पहुंचेगी
स्टेट हज कमेटी चैयरमेन अमीन पठान ने बताया कि सभी हज यात्रियों का हज-2018 मुकम्मल हो गया है। 12 सितम्बर को रात साढ़े दस बजे हाजियों की पहली फ्लाइट अपने वतन के लिए रवाना होगी आैर अगले दिन सुबह छह बजे पहला जत्था अपने वतन लौटेगा। हाजियों के लौटने का सिलसिला 25 सितम्बर पर रहेगा। इस बार भी आब-ए-जमजम यानी मक्का पवित्र पानी एयरपोर्ट पर ही हाजियों को दिया जाएगा।

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