उदयपुर। जनता जब नेताओं को वोट देती है तो उसके बदले में काम भी चाहती है और जब काम नहीं होता है तो जनता का हक़ है वह उन नेताओं से सवाल करे जिसको उसने वोट देकर जिताया है। लेकिन सवाल करने पर अगर नेता वह भी राज्य के गृहमंत्री उसी जनता को यह कह दें कि ठीक हे अगली बार वोट मत देना कुएं में डाल देना तो ये बड़ी शर्म की बात है। ये नेता लोग जनता के सेवा का वादा लेकर चुनाव के आठ दिन पहले वोट मांगने के लिए हाथ जोड़ कर जनता के बिच में जाते है,.. और चुनाव जितने के बाद जब जनता इनसे सवाल करती है तो कहते हे अबकी बार मत देना वोट।
ऐसा किया है राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने,… अपने गृह क्षेत्र उदयपुर शहर विधानसभा में वार्डों का दौरा करते समय और वह भी महिलाओं की एक उचित मांग पर । ।
जी हाँ ये बात है आज शुक्रवार की जन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया उदयपुर नगर निगम के वार्ड १० में जन सुनवाई कर रहे थे तब वहां की महिलाओं ने एक शराब के ठेके को लेकर विरोध किया और उसको हटाने की मांग की। कटारिया ने आश्वासन दिया की हटवा देंगे लेकिन महिलाएं जब मौका देखने की जिद करने लगी तो कटारिया फिर अपने मंत्री वाले तेवर में आगये महिलाओं से कह दिया के ठीक क्या होगा ज्यादा से ज्यादा वोट नहीं दोगे मत देना वोट डाल देना कुँए में दाल देना।
https://youtu.be/Y0ZW6q7UsvY
जनता से बात करने का नेताओं का यह मालिकाना रवैया ठीक नहीं है। यह जनता है और किसी भी बड़े से बड़े नेता को जमीन पर लाने में वक़्त नहीं लगाती फिर चाहे इस शहर के भाईसाब गुलाबचंद कटारिया ही क्यों ना हो। अगर आप जनता की समस्या चाहे चुनाव के वक़्त ही सही लेकिन अगर सुनने निकले है तो अपने तेवरों पर थोड़ा संयम रख कर जनता की बात सुननी चाहिए।