post news. महंगाईकी मार झेल रहे लोगों के लिए घर बनाना और महंगा हो जाएगा। राज्य सरकार ने मार्बल, बजरी, ग्रेनाइट,चुनाई पत्थर सहित 39 खनिजों पर रायल्टी 25 से 30 फीसदी बढ़ा दी गई है। इसको लेकर शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया गया है। सरकार ने तीन साल बाद फिर से रायल्टी बढ़ा दी है। जबकि सैंडस्टोन, लाइम स्टोन एंड लाइम, लाइम कंकर की रायल्टी नहीं बढ़ाई गई है। केवल कोटा और झालावाड़ में लाइम स्टोन की रायल्टी बढ़ाई गई है। प्रदेश सरकार के इस कदम से आम आदमी के लिए घर बनाना महंगा होने के साथ राज्य के रियल स्टेट पर भी पड़ने की आशंका है।
बजरी ट्रॉली पर 20 ट्रक पर 150 रु. तक बढ़ेंगे
राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार भरतपुर, झुंझनू, धौलपुर, टोंक, सीकर जिले में बजरी पर रायल्टी 35 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए कर दी गई है। जबकि अन्य शेष जिलों में बजरी पर रायल्टी 30 रुपए से बढ़ाकर 35 रुपए प्रति टन की गई है। बजरी पर अब प्रति टन पांच रुपए ज्यादा चुकाने पड़ेंगे। एक ट्रैक्टर ट्रॉली में चार टन बजरी आती है। अब एक ट्रॉली बजरी के लिए 20 रुपए और 30 टन वाले बजरी ट्रक के 150 रुपए ज्यादा चुकाने पड़ेंगे। इसी तरह अलवर, भरतपुर, जयपुर, झुंझनू और सीकर में चुनाई पत्थर की रायल्टी बढ़ाकर 35 रुपए कर दी गई है। जबकि अन्य जिलों में चेजा पत्थर पर रायल्टी 23 से बढ़ाकर 28 रुपए की गई है। मकराना के मार्बल के लिए जहां 490 रुपए प्रति टन की रायल्टी तय की गई है, वहीं अन्य राजस्थान में मार्बल पर 560 रुपए प्रति टन रायल्टी चुकानी होगी। इससे पहले अगस्त 2014 में सरकार ने रायल्टी बढ़ाई गई थी।
जुलाई में मार्बल पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया था। तब व्यापारियों ने कई दिनों तक कारोबार बंद रखा था। अब रायल्टी बढ़ाने का भी विरोध हो रहा है।
सरकार का मंहगाई वाला चाबुक फिर जनता की पीठ पर – मकान बनाना हुआ और मंहगा
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