उदयपुर। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान जनता के हितैषी बने ये जनप्रतिनिधि देश का विकास, युवाओं को रोजगार, भ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करना और बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा देने की बात चिल्ला-चिल्ला कर करते हैं, लेकिन इनके दावों और वादों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। कहते कुछ है और करते कुछ है। इसका जीता जागता उदहारण राजसमंद में देखा गया, जब राजसमंद लोकसभा सीट के कांग्रेसी प्रत्याशी गोपालसिंह शक्तावत चुनावी दौरे के दौरान नकार खाना में एक पेंटिंग की दुकान में बैठकर चाय की चुस्की का मजा ले रहे थे, तभी उन्होंने अपने गंदे जूतों को पॉलिश करने के लिए 11 साल के बच्चे को बुला लिया और बड़ी शान से वो ऊपर बैठे रहे। बच्चा जमीं पर बैठकर अपनी दिहाड़ी की आस में उनके जूतों पर पॉलिस करता रहा, जबकि बाल मजदूरी एक अपराध है, लेकिन जनता के ये प्रतिनिधि बेपरवाह इस अपराध के भागीदार बन गए। अपने सारे वादों और बड़ी-बड़ी बातों को भूलकर गोपाल सिंह बाल मजदूरी को रोकने के बजाय उसको बढ़ावा देते हुए दिखाई दिए। पॉलिश खत्म हुई, तो समर्थकों ने बच्चे को पैसे दिए और गोपालसिंह बिना कुछ सोचे आमसभा को संबोधित करने चल पड़े।
गोपालसिंह ने बाल मजदूर से कराई जूतों की पॉलिश
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