गूगल की रोबोट कारें जल्दी ही व्यस्त सड़कों पर दौड़ती नज़र आएंगी. इन्हें परीक्षण के लिए सड़कों पर उतारा जाएगा.
रोबोट कारों का ट्रैफिक के बीच परीक्षण कैलिफॉर्निया के माउंटेन व्यू में होगा.
गूगल की रोबोट कार में स्टीयरिंग व्हील नहीं होगा लेकिन टेस्ट के दौरान इसका डिटेचेबल संस्करण इस्तेमाल किया जाएगा. परीक्षण के दौरान कार की अधिकतम रफ्तार 40 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी.
अब तक गूगल की स्वचालित कारों को सिर्फ टेस्ट के लिए बने ट्रैक पर ही दौड़ाया गया है.
गूगल ने पहले भी स्वचालित वाहनों का आम सड़कों पर टेस्ट किया है लेकिन वो सभी संशोधित एसयूवी गाड़ियां थीं.
साथ होगा ड्राइवर
गूगल की रोबोट कार का जब टेस्ट किया जाएगा तो उसमें सुरक्षा के लिए ड्राइवर मौजूद रहेंगे जो जरुरत होने पर कार का नियंत्रण ले लेंगे.
गूगल के स्वचालित ड्राइविंग प्रोजेक्ट की सिस्टम इंजीनियर जैमी वायडो ने एक वीडियो बयान में बताया, “हर पल इन कारों को सड़क पर उतारने की तैयारी चल रही है जहां हम इनके जरिए और अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं.”
जैमी ने बताया कि व्यस्त सड़क पर उतारने के पहले कार की गुणवत्ता परखने के लिए कई परीक्षण होंगे.
हर कार को हर हफ्ते टेस्ट ट्रैक पर हज़ारों मील दौड़ाया जा रहा है. इसमें से कई ट्रैक कैलिफोर्निया के हाईवे और सड़कों से मिलते जुलते हैं.
जानकारी जुटाने की तैयारी
गूगल रोबोट कार के प्रोजेक्ट हेड क्रिस अर्मसन के मुताबिक कार का ट्रैफिक के बीच परीक्षण करने से इंजीनियरों को मदद मिलेगी.
उन्हें कई ऐसी स्थितियों की जानकारी हो सकेगी जिनका अब तक के परीक्षण के दौरान पता नहीं लगा. इस आधार पर वो कार के सॉफ्टेवेयर को बेहतर बना सकेंगे.
उन्होंने ये भी कहा कि सड़क पर परीक्षण करने से गूगल को ये भी जानकारी मिलेगी कि ट्रैफिक में दूसरे वाहनों के चालक इन रोबोट कारों को लेकर कैसी प्रतक्रिया देते है.
इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले आठ महीने के दौरान कैलीफोर्निया में व्यस्त सड़क पर परीक्षण के लिए उतारी गईं 48 में से चार कारें हादसे का शिकार बनीं.
गूगल और कार के पुर्जे बनाने वाली डेल्फी का कहना है कि इन हादसों की वजह दूसरी कारों के चालकों की गलतियां रहीं.
ब्रिटिश सरकार ने चार ऐसी परियोजनाओं के लिए धन मुहैया कराया है, जिनमें रोबोट कारों का ग्रीनविच, कॉवेन्ट्री, ब्रिस्टल और मिल्टन कीन्स में आम सड़क पर परीक्षण होगा.