उदयपुर। राजनीति और समाज में अब नैतिकता के मूल्यों को ताक पर रख कर सिर्फ सत्ता पक्ष या अपने राजनातिक साथी का साथ दिया जाता है चाहे उसने कितना भी बुरा या घ्रणित कार्य क्यूँ ना किया हो। आरोपी पर सरे आम माँ बहनों को असभ्य तरीके से गालियाँ देने, अधिकारी से मारपीट करने का आरोप ही क्यूँ ना हो। यहाँ बात हो रही है गोगुन्दा के प्रधान पुष्कर तेली कि जिसने सत्ता के नशे में चूर हो कर एक बीडीओ को धमका कर मारपीट तक पर उतारू हो गया और उसके बाद कथित रूप से एक सरपंच को मोबाइल फोन पर माँ बहनों की गालियाँ देते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली।
बीडीओ के साथ दुर्व्यहवार करने के जुर्म में जहाँ पुलिस को राजकार्य में बाधा का मुकदमा कर प्रधान पर कारवाई करनी चाहिए वहां पुलिस हाथ बांधे तमाशा देख रही है। वही दूसरी तरफ जिस तरह की गालियाँ प्रधान ने सरपंच को दी उसका विरोध हर एक आम नागरिक तक को करना चाहिए वही समाज और पार्टी के लोग उसके समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे है मानों प्रधान साहब ने गालियाँ दे कर और एक अधिकारी पर जोर आजमा कर बहुत बड़ा देश हित में कार्य किया जिसके लिए उसको सम्मानित करना चाहिए।
हमारा मानना भी यही है कि अगर ऐसे कृत्य करने वाले जन प्रतिनिधि का समर्थन सत्ता पक्ष और पुलिस कर रही है तो गणतंत्र दिवस नजदीक है। उस प्रधान को गणतंत्र दिवस के मोके पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित करना चाहिए, और पुलिस वैसे ही कोई कारवाई नहीं करनी चाहिए तो पुलिस पदक से भी प्रधान साहब को सम्मानित करना चाहिए। यही नहीं प्रधान के सामने सारे अधिकारियों को कपडे खोल कर खड़े हो जाना चाहिए और कहना चाहिए “सरकार आपकी जो मर्जी जैसा चाहो सुलूक करो हम कुछ भी नहीं कहेगे ना ही कोई कारवाई करेगें” बस चुपचाप सहेगें।
जो लोग प्रधान की गालियों का समर्थन कर रहे है उन्हें भी उस महान प्रधान के सामने नत मस्तक हो कर कहना चाहिए हुजुर आपने सरपंच की माँ बहनों के लिए जिस प्यारी और सु सज्जित भाषा का प्रयोग किया है आप हमारी माँ बहनों के लिए भी कर सकते हो क्यूँ की हमारा महिला सम्मान कार्यक्रम आपकी गालियों से ही तो पूरा होता है।
जो लोग प्रधान का विरोध कर रहे है उन्हें उस महान प्रधान का विरोध नहीं करना चाहिए क्यूँ कि उन्होंने बड़ा महान कार्य किया है और ऐसे कार्यों का आज के राजनीति में और शायद समाज में जरूरत है।
जिसके पास सत्ता का हथियार है वह हर व्यक्ति खुल कर किसी पर भी गुंडई दिखा सकता है। किसी की भी माँ बहनों को गालियाँ बक सकता है। यकीन मानिए सत्ता पक्ष के लोग आपके समर्थन में खड़े दिखाई देंगे और आजकल जात – पात का जादू हर खासो आम पर सर चढ़ कर बोल रहा है तो आपकी जात और आपके समाज के लोग तो आपके हर घ्रणित कार्य में साथ देंगे क्यूँ कि नैतिकता को तो हमने चार आने के भाव बेच खाई है। हमारी बुद्धि राजनीति लाभ के चलते इन नेताओं के तलवे चाट रही है।
इसलिए प्रधान साहब को गणतंत्र दिवस के मोके पर सम्मान दिलाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
व्यंग