अर्थराइटिर्स दे रहा मौसम

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indiasउदयपुर। क्या आपकी जोड़ों में अचानक दर्द उभर आया है? अगर ऐसा है, तो इसकी वजह आपकी लापरवाही नहीं, बल्कि सर्दियों का यह मौसम है, जो दर्द बढ़ा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इस सीजन में पुराना मर्ज भी फिर से दर्द देने लगता है। यही कारण है कि इन दिनों में अर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस के पेशेंट्स पहुंचने लगे है, लेकिन अगर थोड़ा सा ध्यान दें, तो इन बीमारियों से खुद को दूर रखा जा सकता है।
लगातार बढ़ रहे है पेशेंट्स
हेल्दी कहे जाने वाले इस सीजन में जरा सी लापरवाही बीमारियों को न्योता दे सकती है। आज कल 25 पेशेंट्स अर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस के पहुंच रहे है। निजी हॉस्पिटल को जोड़ा जाए, तो यह डेटा 75 के आसपास पहुंचता है। इसमें नए के साथ-साथ पुराने पेशेंट्स भी शामिल है। एक्सपट्र्स के अनुसार पुराना मर्ज अब फिर से लोगों को परेशान करने लगा है।
सर्दी-खांसी से परेशानी
मौसम में आ रहे बदलाव और टेंप्रेचर में हो रहे चेंजेस का सबसे ज्यादा असर बच्चों में दिखाई दे रहा है। डिहाइड्रेशन और फीवर की चपेट में आने-वाले बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें जरा सी भी लापरवाही से बच्चों की जान जा सकती है। सिटी के डिफरेंट हॉस्पिटल्स में डेली ३0 से अधिक बच्चे है, जो इनकी जकड़ में है। मौसम में इन दिनों मौसमी बदलाव से एलर्जी, सर्दी-खांसी, बंद नाक, ब्रोंकायल अस्थमा के डेली लगभग 50 पेशेंट्स आ रहे हैं। बच्चों में भी नाक बंद होने के कैसेज आ रहे हैं, इसलिए ऐसे मौसम में पहले बच्चों को ठंड से बचाना चाहिए। इसके बावजूद अगर ठंड लग जाए और नाक बंद हो जाए, तो नेजल स्प्रे की जगह टैŽालेट का यूज करके उनकी नाक खुलवाने की कोशिश करना चाहिए। ऐसे मौसम में माताएं बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं और उनका हरसंभव ध्यान रखें।
खांसी न रूके तो निमोनिया
सर्दियों में बच्चों को निमोनिया का खतरा सता रहा है। आज कल बच्चों में निमोनिया का सीजन चला हुआ है। हॉस्पिटल के ओपीडी में डेली १0-१५ केसेज बच्चों में निमोनिया के आ रहे है।
सांस लेने में प्रॉब्लम
ऐसे में अगर बच्चे में निमोनिया के लक्षण दिखे जैसे उसे सांस लेने में तकलीफ हो, उसका होंठ और चेहरा नीला पड़ रहा हो, वह खाना नहीं खा पा रहा हो, तो पहले उसे खूब लिक्विड फूड दें और फिर डॉक्टर से कंसल्ट करके उसका ट्रीटमेंट कराएं। ऐसे मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर बच्चों की खांसी यदि नहीं थम रही है तो लापरवाही नहीं बरतें। यह निमोनिया का पहला लक्षण है। निमोनिया होने पर जरा सी लापरवाही किए जाने पर बच्चे की जान भी जा सकती है।
यूथ को हो रहा पेन
हेक्टिक लाइफ में लोग मार्निंग वाक और एक्सरसाइज अवॉयड करने लगे है  इससे लोगों को ज्वाइंट पेन और अर्थराइटिस अपना शिकार बना रही है। यूथ भी ज्वाइंट पेन का शिकार हो रहे है। सिटी के डिफरेंट हॉस्पिटल्स की ओपीडी में आठ से दस केसेज ऐसे आ रहे है, जिनमें यूथ को अर्थराइटिस की प्रॉŽलम हो रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक यदि डेली धूप में बैठा जाए और विटामिन डी ली जाए, तो इन सभी प्रॉŽलम्स से बचा जा सकता है।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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