उदयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को नोटिस जारी करते हुए राज्य सरकार से मानव तस्करी को लेकर जवाब तलब किया है। कोटा निवासी बुजुर्ग प्रहलाद सिंह चढ्ढा ने सूचना के अधिकार कानून के तहत तीन थानों के आंकड़ों को लेकर अदालत में जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में बताया गया कि राजस्थान से सैकड़ों नाबालिग बालिका उठाकर उत्तरप्रदेश के रास्ते खाड़ी देशों में बेचा जा रहा है।
चढ्ढा ने कोटा जिले के जवाहर नगर, दादाबाड़ी और गुमानपुरा थाने के संबंध में सूचना के अधिकार कानून में जानकारी मांगी। इसमें पुलिस ने बताया कि गुमानपुरा से करीब 326, दादाबाड़ी से 400 और जवाहर नगर से 97 लड़कियां लापता हैं जिनमें भी अधिकांश नाबालिग हैं। इसी के साथ यह भी बताया कि इनमें से 90 फीसदी बालिकाएं एक धर्म विशेष की है।
इस सूचना के साथ चढ्ढा ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। एडवोकेट कुलदीप असवाल ने बताया कि बालिकाओं का लापता होना मानव तस्करी की ओर संकेत करता है और यह केवल तीन थानों के आंकड़े है। इसमें पूरे प्रदेश के आंकड़ों को शामिल किया जाए तो स्थिति भयावह हो सकती है।
इन लापता बालिकाओं में भी ज्यादातर एेसे परिवार से संबंधित है जो अत्यंत गरीब है और फुटपाथ पर रहकर जैसे तैसे गुजर बसर कर रहे हैं। एेसे में पुलिस ने इन मामलों को गंभीरता से नहीं लिया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि बच्चियों को राजस्थान से उत्तरप्रदेश ले जाकर वहां से खाड़ी देशों में बेचा जा रहा है।
याचिका में ये भी बताया गया है कि बच्चों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिशा निर्देश दिए गए है जिसकी पालना भी नहीं हो रही है। इस पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस नवीन सिन्हा एवं जस्टिस अजय रस्तोगी की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।