उदयपुर. कुछ दिन पहले ही जिस उदयपुर शहर को विश्व का तीसरा Best City माना गया वही शहर दहशतगर्दों का शहर बनता जा रहा है . गृहमंत्री gulabchand katariya का शहर और खुले आम गेंग वार फायरिंग की घटनाएँ अब आम हो गयी है . शनिवार शाम को भी आपसी रंजिश के चलते बिच सड़क पर युवक की गोली मार कर ह्त्या करदी .
अम्बामाता क्षेत्र के रामपुरा चौराहे से करीब 100 मीटर पहले एकलिंगनाथ गार्डन के सामने शनिवार शाम साढ़े 6 बजे की करीब बाइक पर आए चार युवकों ने ताबड़तोड़ फायर कर गांधीनगर, मल्लातलाई निवासी Gajendr Chaparwal (29) पुत्र प्रकाश छापरवाल की हत्या कर दी। गजेंद्र को तीन गोलियां लगीं।
पुलिस के अनुसार फायर करने वाला सुनील लोठ था, जिसके भाई विक्रम की हत्या के आरोप में गजेंद्र नवंबर 2015 से जेल में था और इसी साल मई में जमानत पर छूटा था। गजेंद्र के भाई महेन्द्र के आरोप पर पुलिस सुनील लोठ की तलाश कर रही है। शहर में पिछले एक माह में फायरिंग की यह चौथी घटना है। माहौल खराब होने की आशंका पर गांधीनगर में रात भर भारी जाप्ता तैनात रहा। देर रात पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी और कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। सूचना पर एडिशनल एसपी हर्ष रत्नू, थानाधिकारी जितेन्द्र आंचलिया, कैलाश चन्द्र, एसआई देवेन्द्र जाप्ता सहित पहुुुंचे। डीएसपी भगवत सिंह हिंगड़, थानाधिकारी भवानी सिंह और रवींद्र सिंह चारण भी रात को हॉस्पिटल पहुंचे।
फाइनेंस का काम करता था गजेंद्र परिवारों में कई सालों से थी रंजिश:रामपुरा क्षेत्र में हुई वारदात को पुलिस आपसी रंजिश का नतीजा मान रही है। बताया जा रहा है कि हमलावर सुनील ने तीन साल बाद भाई की हत्या का बदला लिया।वारदात रामपुरा चौराहे से करीब सौ मीटर पहले एकलिंगनाथ गार्डन के ठीक सामने हुई। तब गांधीनगर, मल्लातलाई निवासी गजेंद्र छापरवाल अपने भाई और साथियों के साथ किसी प्लॉट को लेकर प्लानिंग कर रहा था। गजेंद्र फाइनेंस से जुड़ा काम करता था। इसी बीच साथियों के साथ सुनील लोठ बाइक पर आया था। आते ही उसने गजेंद्र पर फायर कर दिए।
मृतक के भाई ने पार्षद पिता-पुत्र पर भी लगाए आरोप, हाथ नहीं आए हमलावर:बताया गया कि सुनील के भाई विक्रम की हत्या के आरोप में गजेंद्र नवंबर 2015 से जेल में था और इसी साल मई में जमानत पर छूटा था। गजेंद्र के भाई महेन्द्र ने गांधी नगर, मल्लातलाई निवासी सुनील लोठ, पार्षद पिता-पुत्र सहित चार पर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने मल्लातलाई और अस्पताल में मोर्चा संभाला। माहौल खराब होने की आशंका पर गांधीनगर में रातभर जाप्ता तैनात रहा। देर रात पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी। हालांकि देर रात तक कोई पकड़ा नहीं जा सका।
सुनील ने आते ही किए फायर, मैंने गजेंद्र को संभाला, तब तक हमलावर भागे : महेंद्र
महेन्द्र ने बताया कि वह अपने भाई गजेंद्र, दोस्त राहुल तंबोली और राजेश चौहान के साथ रामपुरा स्थित उसके प्लॉट पर गए थे। प्लॉट देखने के बाद पेट्रोल पंप से पहले एकलिंगनाथ गार्डन के सामने खड़े होकर प्लॉट को लेकर प्लानिंग कर रहे थे। इसी बीच बाइक पर सुनील लोठ और उसके तीन साथी बाइक पर आए। इनके पास पिस्टल थी। सुनील ने आते ही गजेंद्र पर ताबड़तोड़ फायर किए। मैंने गजेंद्र को संभाला, तब तक हमलावर फरार हो गए। हम सभी गजेंद्र को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। इधर, पुलिस ने बताया कि सुनील का टारगेट गजेंद्र ही था। बचाव के दौरान एक गोली गजेंद्र के बगल में, दूसरी बाजू पर और तीसरी पसलियों में लगी। जब तक गजेंद्र को हॉस्पिटल लाया गया, उसकी मौत हो चुकी थी। गजेंद्र फाइनेंस का काम करता था। दोनों पक्षों के बीच रंजिश चल रही है।
आरोपी की बहन राजसमंद में निलंबित एसआई है :गजेंद्र के परिजनों ने बताया कि आरोपी सुनील की बहन बीना लोठ राजसमंद में पुलिस उप निरीक्षक है। वह भी रिश्वत मामले में ट्रेप हो चुकी है और अभी निलंबित है, लेकिन पुलिस का रौब दिखाकर अाए दिन धमकाती है। हमलावर सुनील का रिश्तेदार पार्षद है। ये लोग आए दिन पद का रौब दिखाकर धमकियां देते हैं, कोर्ट में भी पेशी पर जाते समय भी कई बार इन लोगों ने जान से मारने की धमकियां दी।