उदयपुर। शादी समारोह के महौल में निगम के ही एक कर्मचारी को जिन मुसीबतों का सामना करना पड़ा, वह बेहद की चौंकाने वाला था। घर के बाहर खड़ी बारात को ठहराने के लिए बुक कराए गए सामुदायिक भवन की चाबी पार्षद ने यह कहकर देने से मना कर दिया कि यह भवन गमेती समाज का है और समाज किसी अन्य समाज को उपयोग के लिए नहीं देगा।
नगर निगम के ही कर्मचारी निजामुद्दीन की बेटी कि शादी 23 मई को थी, उन्होंने बारात ठहराने का इंतजाम एकलव्य कोलोनी के सामुदायिक भवन में कर रखा था। इसके लिए उन्होंने नियमानुसार दो महीने पहले ही नगर निगम से बुक करा 500 रूपये कि रसीद भी कटवा ली थी। बारात आने के दो दिन पूर्व उन्होंने पूरे सामुदायिक भवन के बाहर साफ-सफाई भी करवा दी थी। शादी वाले दिन जब वे पार्षद जीवन लाल गमेती से सामुदायिक भवन कि चाबी लेने के लिए गए, तो पार्षद ने चाबी देने से मना कर दिया। पार्षद ने कहा कि यह सामुदायिक भवन गमेती समाज का है किसी और समाज के व्यक्ति को उपयोग के लिए नहीं दिया जा सकता। निजामुद्दीन ने निगम के कमिश्नर, महापौर से भी बात की, लेकिन चाबी उन्हें नहीं मिली। आखिर उन्हें दोगुने दाम देकर बरात को कहीं और रुकवाने पड़ा। शाम तक पार्षद पर जब चाबी देने का दबाव आया, तो उन्होंने निजामुद्दीन को फोन कर चाबी ले जाने को कहा, लेकिन साथ में धमकाते हुए यह भी कह डाला कि अगर तुम्हारी बारात ठहरी और गमेती समाज के लोगों ने वहां कोई अप्रिय वारदात कि तो उसकी जिम्मेदारी मेरी नहीं होगी। आखिरकार निजामुद्दीन ने चाबी नहीं ली।
> मेरी बेटी की शादी के लिए दो महीने पहले एकलव्य कोलोनी का सामुदायिक भवन बुक कराया था और एनवक्त पर पार्षद ने चाबी देने से यह कहकर इनकार कर दिया कि गमेती समाज के अलावा किसी अन्य समाज को यह भवन नहीं दिया जा सकता। -निजामुद्दीन
> मेरी तरफ से कोई मनाही नहीं है, लेकिन समाज का विरोध है। समाज के लोग नहीं चाहते कि यहां किसी और समाज का कोई कार्यक्रम हो।
-जीवन लाल गमेती, पार्षद, वार्ड आठ
> सामुदायिक भवन सार्वजनिक होता है। किसी एक समाज विशेष का नहीं। यदि ऐसा हुआ है, तो इसकी जांच करवाई जाएगी। कमिश्नर को भी जांच के लिए कहा गया है।
-रजनी डांगी, महापौर,
नगर निगम
गमेती समाज का सामुदायिक भवन पर कब्जा
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