चित्तौडगढ, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भीलवाडा की टीम ने लूट के मामले में संदेह के आधार पर गिरफ्तार किये गये व्यक्ति का मामले से नाम हटाने के एवज में 40 हजार रूपये की रिश्वत लेते सहायक उपनिरीक्षक लक्ष्मीलाल कुमावत थाना पारसोली को रंगे हाथो गिरफ्तार किया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भीलवाडा भीमसिंह बीका ने बताया कि मण्डावली निवासी संग्रामसिंह कंजर ने एक परिवाद पेश किया कि जनवरी में हुए लूट के एक मामले में संदेह के आधार पर पुलिस द्वारा उसका नाम लिखने व मामले की तफ्तीश सहायक उपनिरीक्षक लक्ष्मीलाल कुमावत द्वारा करने पर संग्रामसिंह कंजर से पुछताछ करने व इसके द्वारा घटना के शामिल नही होने पर उसका नाम मामले से हटाने के लिए ५० हजार रूपये रिश्वत की मांग की। इस पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भीलवाडा द्वारा शिकायत का सत्यापन कराया गया एवं सौदा ४० हजार रूपयो में तय हुआ।
इस पर संग्राम कंजर ने उक्त राशि मंगलवार को पारसोली थाने के समीप स्थित बाजोडा बालाजी मंदिर पर रिश्वत देना तय किया। मंगलवार दोपहर सहायक उपनिरीक्षक लक्ष्मीलाल कुमावत को निर्धारित स्थान पर बुलाकर संग्रामसिंह कंजर ने रिश्वत की राशि पकडाई। लक्ष्मीलाल कुमावत के रिश्वत की राशि लेते ही एसीबी की टीम ने एएसआई को घेर लिया और उससे रिश्वत की राशि ४० हजार रूपये बरामद कर उसे गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत खोर सहायक उपनिरीक्षक को बुधवार को अजमेर स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा।