मॉर्डन जमाना युवाओं का है इसलिए हर कोई हमेशा जवान बने रहना चाहता है। हमेशा जवान रखने का दावा करने वाले हजारों प्रोडक्ट से बाजार अटा पड़ा है।
काफी प्रोडक्ट तो बुढ़ापे को फिर से जवानी में बदलने का दावा भी करते मिल जाएंगे। लेकिन अभी तक इस सच को कोई झुठला नहीं पाया है कि जवानी को दुबारा हासिल करना असंभव है। हालांकि कुछ मामलों में इसे बढ़ाया जरूर गया और यह तो सभी जानते हैं कि बुढ़ापे को मेकअप से छुपाया जरूर जा सकता है।
शोध में जवानी की खोज
विज्ञान भी अपने नए नए प्रयोगों की मदद से कुदरत के इस करिशमे को खुद हासिल करना चाहता है। यहां किए गए एक ऎसे ही शोध में काफी रोचक और हैरान कर देने वाली जानकारियां सामने आई हैं।
शोध में पता चला है कि युवाओं का खून बूढ़ापे के रोगों से बचने में मददगार साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों के दो समूहों ने चूहों पर किए शोध के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रयोग अल्जाइमर और ह्वदय रोगों से बचाव में सहायक हो सकता है।
स्टैनफोर्ड और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कम उम्र के चूहे का खून निकालकर उसे अधिक उम्र के चूहे के शरीर में पहुंचा दिया। इसके बाद अधिक उम्र के चूहे की मांसपेशियां पहले से बेहतर स्थिति में पहुंच गई। इसके साथ ही चूहे की याददाश्त पर भी अच्छा असर पड़ा।
अच्छा प्रभाव पड़ा
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर टोनी विस कोरे ने बताया कि जब अधिक उम्र वाले चूहे को कम उम्र वाले चूहे का खून चढ़ाया गया, तो उसकी शारीरिक और मानसिक हालत पर इसका अच्छा प्रभाव देखने को मिला।
इसके बाद जब उस चूहे को एक भूलभुलैया में छोड़ा गया, तो वह कम उम्र वाले चूहे की तरह ही बहुत जल्दी उसमें से बाहर आ गया।
बड़ी कामयाबी मिली
प्रोफेसर कोरे ने कहा कि चूहों पर किए इस प्रयोग में हमें बड़ी कामयाबी मिली है। हालांकि मनुष्यों पर ऎसे किसी प्रयोग से पहले और तैयारी की जरूरत है। लेकिन फिर भी इस कामयाबी को बुढ़ापे से जुड़ी बीमारियों से निपटने की ओर एक कदम तो माना ही जा सकता है।
इस बारे में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सॉल विलेडा का कहना है कि यह पहले ही साबित हो चुका है कि मनुष्यों में उम्र के साथ होने वाली कुछ दिमागी बीमारियों के असर को पलटना संभव होता है।
ऎसे में चूहों पर किया गया यह प्रयोग इस दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता कहा जा सकता है। इसके जरिए अल्जाइमर और ह्वदय रोगों के इलाज में भी मदद मिल सकती है।