अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज की मैस के भोजन से छात्रों में फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आया है। पीड़ित छात्रों को सोमवार सुबह 7.30 बजे आनन-फानन में उमरड़ा के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कनक व हिरणमगरी के सेटेलाइट अस्पताल में भर्ती कराया गया।छात्रों ने बताया कि तड़के तीन बजे उल्टी-दस्त, पेट दर्द, जी घबराने की परेशानी शुरू हुई थी। टोको टाकर, सूरज कुमार सहित अन्य छात्रों ने बताया कि सुबह पांच बजे कॉलेज परिसर के हॉस्टल में विभिन्न राज्यों के 400 में से करीब 300 छात्र इकट्ठा हो गए, क्योंकि 105 छात्रों को फूड प्वाइजनिंग हो गई थी। इनमें से करीब 40 को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। हालांकि कॉलेज प्रबंधन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पीड़ित छात्रों की संख्या 25 बता रहे हैं, जिनमें से 15 को अस्पतालों में भर्ती हैं। सूचना पर पहुंची थाना हिरणमगरी पुलिस के एसआई यशवंत काॅलेज प्रबंधन की पैरवी करते दिखे। उन्होंने नाराजगी जता रहे छात्रों से कहा- आगे से आप जो कहेंगे, वही खाना बनेगा। छात्रों की मैस कमेटी बनेगी, अब इस बात को छोड़ो। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी मौके पर पहुंच छात्रों की जांच की। दवाइयां देने के साथ खाने के नमूने भी लिए।
अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज डायरेक्टर हेमंत धाभाई ने बताया कि आठ छात्रों को पेसिफिक, तीन को गीतांजली, एक को सेटेलाइट हिरणमगरी और तीन को कनक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। 25 छात्रों को दवाइयां दिलवाई हैं। सभी भर्ती छात्रों की अस्पतालों से छुट्टी कर दी गई है। अब बीमार छात्रों को खाने में दही-चावल, दाल-चपाती, शाम के नाश्ता में दूध-केले खिलाएंगे। चिकित्सा विभाग की टीम ने हॉस्टल में रहने वाले 400 छात्रों में से 65 की जांच की है।
प्टी सीएमएचओ डॉ. राघवेन्द्र राय ने बताया कि मेडिकल टीम ने 300 छात्रों की जांच की। इनमें से 25 में फूड प्वाइजनिंग की शिकायत पाई गई है। छात्रों को रविवार शाम 7.30 से 9 बजे तक खाने में दाल, पुलाव, चपाती दिए गए थे। खाद्य एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल भारद्वाज ने भोजन के नमूने लिए हैं। जांच रिपोर्ट 15 दिन में आ जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों ने बताया कि खराब खाने की शिकायत कॉलेज प्रबंधन से कई बार कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जाती है। छात्रों का आरोप है कि दाल को गाढ़ा करने के लिए उसमें आटा-चावल का मांड मिला दिया जाता है। कई बार सुबह का बचा हुआ खाना रात में भी परोस दिया जाता है। ये हालात अब जानलेवा साबित हो रहे हैं, जबकि अच्छे खाने के लिए फीस भी ली जाती है। छात्रों ने चाय-नाश्ते की क्वालिटी को लेकर भी शिकायत की।